इंडस्ट्रियल प्लॉटों में बन सकेंगे अस्पताल व होटल:पंजाब सरकार ने मंजूरी दी, लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने की शर्ते हुई आसान

by Carbonmedia
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पंजाब कैबिनेट ने इंडस्ट्रियल प्लॉटों को अस्पताल, होटल, औद्योगिक पार्क और अन्य उपयोगों के लिए बदलने की अनुमति दी है। पहले यह इंडस्ट्रियल प्लॉट केवल औद्योगिक उपयोग के लिए ही सीमित थे। अब 1,000 से 4,000 वर्ग गज तक के प्लॉटों को इस बदलाव के तहत मंजूरी दी गई है। यह जानकारी कैबिनेट मीटिंग के बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने दी। यह मीटिंग सीएम भगवंत मान के आवास पर संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि 40,000 वर्ग गज के इंडस्ट्रियल प्लॉट को इंडस्ट्रियल पार्क में बदलने की अनुमति दी गई है। इन पार्कों में 60% क्षेत्र औद्योगिक, 30% आवासीय और 10% वाणिज्यिक उपयोग के लिए आरक्षित रहेगा। यह सभी प्लॉट फ्री होल्ड में रहेंगे, जिससे विकास की गति तेज होगी। इसके अलावा, लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड में बदलने का भी निर्णय लिया गया है। पहले की जटिल धाराओं के कारण संपत्ति के लेन-देन में कठिनाइयां हो रही थीं। इस नई नीति का उद्देश्य औद्योगिक प्लॉटों के प्रबंधन को सरल बनाना, कारोबार में सुगमता लाना, आवंटियों के बीच मुकदमेबाजी और अनिश्चितता को कम करना है। लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने के लिए 20 रुपए प्रति वर्ग गज की दर तय की गई है। इससे प्रॉपर्टी मालिकों के नाम पर हो सकेगी और सरकार को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त, सीएलयू (चेंज ऑफ लैंड यूज) फीस के माध्यम से भी सरकार को आय होगी।
कई विभागों के विलय के बाद बदले नाम
कैबिनेट ने एमएसई फैसिलिटेशन काउंसिल नियम-2021 में संशोधन और पंजाब जल संसाधन विभाग के जूनियर इंजीनियर्स (ग्रुप-बी) सेवा नियमों में बदलाव को भी मंजूरी दी है। इसके साथ ही वित्त विभाग के तहत विभिन्न निदेशालयों के विलय को मंजूरी दी गई है। सरकार का दावा है कि प्रशासनिक कार्य कुशलता बढ़ाने और खर्च कम करने के लिए कैबिनेट ने वित्त विभाग के तहत आने वाले विभिन्न निदेशालयों के विलय को मंजूरी दे दी। इसके तहत छोटी बचत, बैंकिंग और वित्त, और लॉटरी निदेशालयों का विलय होगा और अब इसका नाम डायरेक्टोरेट ऑफ स्मॉल सेविंग्स, बैंकिंग और लॉटरी होगा। डीपीईएड और डीएफआरईआई. का भी आपस में विलय होगा और इसका नाम डायरेक्टोरेट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज एंड फाइनेंशियल रिसोर्सेज होगा। ट्रेजरी और अकाउंट्स, पेंशन और एन.पी.एस. के विभिन्न निदेशालयों का भी आपस में विलय होगा और अब इसका नाम डायरेक्टोरेट ऑफ ट्रेजरी एंड अकाउंट्स, पेंशन और एनपीएस. होगा। इस पुनर्गठन से राज्य को लगभग 2.64 करोड़ रुपए वार्षिक बचत होने की संभावना है। नए पदाें की मंजूरी दी कैबिनेट ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार चंडीगढ़ में स्थापित स्टेट एसएनए ट्रेजरी के लिए नई रिक्तियों के सृजन को भी सहमति दे दी। केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं के तहत फंडों का हस्तांतरण अब एस.एन.ए. स्पर्श प्रणाली के माध्यम से होगा। स्टेट एस.एन.ए. ट्रेजरी को कार्यशील करने के लिए नौ रिक्तियों को मंजूरी दी गई है, जिनमें जिला खजाना अधिकारी, खजाना अधिकारी, दो सीनियर सहायक, चार क्लर्क और एक सेवादार शामिल हैं।

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