इंदौर के मेयर बोले-सफाई में लिए पब्लिक का स्पोर्ट जरूरी:गुरुग्राम के दुकानदार अपनी जिम्मेदारी समझे; पब्लिक भी अपना बिहेवियर बदलें, लगाए जुर्माना

by Carbonmedia
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गुरुग्राम के मानेसर में आयोजित शहरी स्थानीय निकाय के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर के बड़े शहरों के मेयर और कमिश्नर पहुंचे। जिन्होंने अपने शहरों के विकास के कार्यों का प्रेजेंटेशन पेश कर दूसरे शहरों को आगे बढ़ने के मोटिवेट किया। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के मेयर पुष्य मित्र भार्गव भी इस सम्मेलन में पहुंचे और इंदौर को सबसे साफ-सुथरा शहर बनाने का मॉडल, कंसेप्ट और विजन साझा किया। हरियाणा के मेट्रोपोलिटन शहरों खासकर मिलेनियम सिटी गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, हिसार, रोहतक को इंदौर की तर्ज पर कैसे साफ सुथरा बनाएं, इसको लेकर दैनिक भास्कर ने उनसे खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि न केवल सफाई बल्कि हर क्षेत्र में अगर किसी को नंबर वन बनना है तो इसके लिए पब्लिक का सपोर्ट बहुत जरूरी हैं। पब्लिक को अपना बिहेवियर चेंज करना होगा, तभी शहर चेंज होगा। फॉलोअर नहीं लीडर बनें पुष्य मित्र भार्गव ने बताया कि इंदौर में लोग खुद अपने कचरे को 6 अलग-अलग हिस्से में सेग्रीगेट करके गाड़ी में डालते हैं। कॉलोनी का कचरा खुद लोग उठाते और अपने कैंपस में प्रोसेस करते हैं। गंदगी न फैलाएं, हमेशा कूड़ेदान का प्रयोग करें। ऐसे प्रयासों से गुरुग्राम जैसे बड़ी आबादी वाले शहरों की कॉलोनियों भी जीरो वेस्ट हो सकती है। इसमें निगम का कोई संसाधन नहीं लगेगा। केवल हमें तैयारियां करनी है। इंदौर में 5 वार्डों को जीरो वेस्ट घोषित किया जा चुका है। कूड़े की प्रोसेसिंग कॉलोनियों में होती है। सबसे बड़ा चैलेंज रिसोर्सेस का होता है। मगर पब्लिक को साथ जोड़ लिया जाए तो यह चुनौती छोटी हो जाती है। कहने का मतलब ये है कि फॉलोअर नहीं, लीडर बनने का टारगेट बनाएं। दुकानदार अपनी जिम्मेदारी समझें पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि मैं कई बार गुरुग्राम आया हूं, यहां मॉल तो चकाचक हैं, लेकिन इनसे थोड़ा से हटते हैं तो कचरे का ढेर होता है। मार्केट या आसपास कचरा फेंकने वाले की जिम्मेदारी दुकान मालिक खुद उठाएं। इंदौर में रोज 3 टाइम सफाई होती है। सड़कों या किसी प्वाइंट पर कूड़ा फेंक रहे हैं तो सीसीटीवी के जरिए चालान जरूरी है। यदि चालान कम है तो गुरुग्राम में रिवैल्यूएशन कर 5 हजार रुपए तक जुर्माना निर्धारित कर सकते हैं। सफाई के साथ साथ वेस्ट मैनेजमेंट में भी काम होना चाहिए। भले ही कचरा कोई भी फेंक रहा हो, दुकान मालिक संग मीटिंग करें कि यह आपका कचरा है। इसे साफ करना सुनिश्चित करें। ऐसा करके मॉडल क्रिएट कर सकते हैं। 18 घंटे काम करता हूं वह 2022 से इंदौर में मेयर हैं। अपने शहर को सफाई में टॉप पर कैसे ला सकते हैं, इसके लिए पूरी प्लानिंग के साथ खुद 18 घंटे काम कर रहे हैं। सप्ताह के 7 दिन में कौन सा क्या काम करना है, यह निर्धारित किया हुआ है। हमने हर राज चैलेंज के साथ काम किया, अब भी कर रहे हैं। इसलिए चैलेंज लेकर काम करें। इन प्वाइंट पर भी काम करें रविवार को पब्लिक, समाजसेवी या किसी संगठनों को साथ जोड़े 6 दिन शहर के विकास और सफाई गंभीरता से करें हर तरह के कामों की सफलता के लिए मॉनिटरिंग टीम बनाई जाए शहर की बेहतरी के लिए हर विषय पर डिस्कस किया जाए निगम अफसरों में बढ़िया तालमेल होना चाहिए 3 टाइम सफाई करनी जरूरी डोर-टू-डोर कूड़ा उठाकर डंपिंग ग्राउंड में पहुंचाया जाए गीला-सूखा कूड़ा ले जाकर प्रोसेसिंग कराई जताए कूड़े का उपयोग करें: हम सीएनजी बना रहे इंदौर में साढ़े 5 सौ एमटी गीला कचरा निकलता है, उससे 17 हजार टन बायो सीएनजी बना रहे हैं। इसे हम एक कंपनी को बेच रहे हैं। सूखे कचरे में जो प्लास्टिक है, रिसाइकिल के लिए भेजते हैं बाकी सीमेंट फैक्ट्री को देते हैं। ऐसे कूड़े का उपयोग करने का अपना कोई आइडिया क्रिएट करें। सख्ती भी बरतें सड़कों पर जो लोग कचरा फेंकते हैं उनका एड्रेस कचरे में से निकालकर चालान काटें पहले से गलत जगह बने कचरा प्वाइंट पर सीसीटीवी लगाकर लोगों पर जुर्माना किया जाए जितने सेनेटरी इंस्पेक्टर हैं, वह सब हर माह कम से कम 5 लाख के चालान का टारगेट लें डर पैदा करना जरूरी है कि लोग सड़कों पर कूड़ा न फेंकें इसके बाद अगला काम नगर निगम मशीनरी करें नए नए आइडिया लेकर आएं हमने लोगों को जागरूक करने के लिए नो थू-थू अभियान चलाया। सिंगल प्लास्टिक फेयरवेल पार्टी की गई, इंटर्नशिप विथ मेयर, पोहा पार्टी जैसे अनोखे नवाचार शुरू किए। हम पब्लिक को किसी न किसी तरीके से रिकॉल करते हैं। इंदौर एक नजर में आबादी 35 लाख वार्ड 85 एक वार्ड की संख्या 25 से 50 हजार गुरुग्राम आबादी-एक करोड़ लगभग वार्ड-36

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