Indore High Court News: देशभर में आयोजित की गई NEET की परीक्षा के दौरान इंदौर के 24 सेंटरों में आंधी तूफान से परीक्षा में खलल हुआ था जिसके चलते देश भर के विभिन्न शहरों से परीक्षा देने इंदौर पहुंचे बच्चों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
जिसके आधार पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने हाईकोर्ट के आदेश पर याचिकाकर्ताओं को छोड़कर बाकी बच्चों का रिजल्ट पिछले दिनों जारी कर दिया गया था. जिसकी अंतिम सुनवाई 23 जून सोमवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में की गई.
कई बच्चे ठीक से नहीं दे पाए थे पेपर दरअसल चार मई को देश भर में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानि एन टी ए ने NEET की परीक्षा आयोजित की थी इस दौरान इंदौर के चौबीस सेंटरों पर अचानक मौसम में हुए बदलाव के चलते आंधी तूफान और बारिश शुरू हो गई थी और बिजली कटौती होने के कारण कई बच्चे ठीक से पेपर नहीं दे पाए थे.
सोमवार को पूरी की गई अंतिम सुनवाईइस परीक्षा में शामिल बच्चों ने इंदौर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद इंदौर हाईकोर्ट में नौ जून को सुनवाई करते हुए याचिका दायर करने वाले बच्चों के रिजल्ट रोककर अन्य बच्चों का रिजल्ट जारी करने निर्देश दिए थे. जिसकी अंतिम सुनवाई 23 जून सोमवार को पूरी की गई. सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( एनटीए ) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वर्चुअली दलीलें रखीं.
अंधेरे में की गई सुनवाईउन्होंने कहा, ”रिजल्ट बेहतर आया है. बड़ी संख्या में परीक्षार्थी पास हुए हैं. ऐसे में याचिका खारिज की जानी चाहिए.” इस पर जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने कहा कि बिना लाइट के क्या दिक्कत आती है? काम कर सकते हैं या नहीं? यह जानने के लिए लाइट बंद कर अंधेरे में सुनवाई करते हैं. करीब 13 मिनट तक कोर्ट रूम की लाइट बंद रही. इस दौरान अंधेरे में सुनवाई की गई.
ऐतिहासिक निर्णय लिया गया हैवहीं हाईकोर्ट एडवोकेट मृदुल भटनागर ने कहा कि यह पहली बार है जब माननीय न्यायालय बच्चों के भविष्य को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि लाइट बंद कर अनुभव करना चाहिए कि बच्चों क्या कठिनाइयों का सामना करना पड़ा होगा. न्यायालय द्वारा अनुभव कर ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. जो काबिले तारीफ है. माननीय न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रखा है जल्द ही फैसला सुनाया जाएगा.
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