Iran Israel War Ceasefire: इजरायल-ईरान में जारी तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर का दावा किया. इस कदम का कई नेता स्वागत कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर सीजफायर हुआ है तो अच्छी बात है. अल्लाह का शुक्र करता हूं.
उन्होंने कहा, ”बेगुनाह मारे जा रहे हैं. ये सीजफायर रहे. किसी ने घुटने नहीं टेके हैं, न ईरान ने और न अमेरिका ने. इंसानियत के नाते ये होना चाहिए था. उनकी अर्थव्यवस्था के साथ पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर इसका असर हो रहा है. दुनिया में मुसीबत बढ़ेगी. अमेरिका पर दुनिया का दबाव है कि ये बंद हो.
क्या बोले उमर अब्दुल्ला?
वहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जितनी जल्दी सीजफायर हो, अच्छा है. 11 दिन हो गए, 11 दिन में बहुत तबाही हुई है. हम तो चाहेंगे कि सीजफायर जल्द से जल्द लागू हो. इस युद्ध में हमारे लिए सबसे बड़ी परेशानी का मुद्दा ये रहा कि जो बच्चे वहां पढ़ते थे, उनको वापस लाना पड़ा. बीच-बीच में जहाजों को परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि एयर स्पेस बंद कर दिया गया. बता दें कि ईरान और इजरायल से भारतीय लोगों को वापस लाने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंधू शुरू किया है.
महबूबा मुफ्ती क्या बोलीं?
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं इस युद्ध में ईरानी नेतृत्व, उसके सशस्त्र बलों और लोगों के साहस व दृढ़ संकल्प को सलाम करती हूं. उनके पास परमाणु हथियार नहीं था, उनके पास एकमात्र हथियार था विश्वास और शहादत की इच्छा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मुफ्ती ने कहा, ‘‘इसने अमेरिका और उसके चाटुकार देश इजराइल को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. आज (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड) ट्रंप युद्ध विराम की बात कर रहे हैं. इसका मतलब है कि अब तक युद्ध का परिणाम अमेरिका और इजराइल की उम्मीदों के बिल्कुल विपरीत रहा है.’’
इजरायल-ईरान सीजफायर पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘अल्लाह का शुक्र है कि…’
1