Dhirendra Krishna Shastri on Etawah Kathavachak: उत्तर प्रदेश के इटावा में एक कथावाचक के साथ इसलिए अभद्र व्यवहार किया गया, क्योंकि उसपर अपनी पहचान छुपाने का आरोप था. अभद्रता की हद तब पार हो गई जब कथावाचक की पब्लिक में सरेआम चोटी काट दी गई और इसका वीडियो बनाकर वायरल किया गया.
यह घटना कथित तौर पर जातिवाद को दर्शाती है, क्योंकि पीड़ित कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव से पहले उनकी जाति पूछी गई और फिर अमानवीयता का परिचय दिया गया. इसपर अब बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नाराजगी जाहिर की है.
‘देश को मिटाना है तो जातिवाद की बात करो’- धीरेंद्र शास्त्रीधीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “हमारी किसी से लड़ाई नहीं है, किसी से प्रेम नहीं है. अगर देश को मिटाना है तो जातिवाद की चर्चा करो. अगर देश को बनाना है तो जातिवाद मिटाने पर चर्चा करो.”
‘इटावा विवाद सहज तरीके से सुलझाया जाए’- धीरेंद्र शास्त्रीइसी के साथ बाबा बागेश्वर ने आगे कहा, “इटावा की घटना पर दोनों पक्षों से प्रार्थना करना चाहता हैं कि कृपा करके देश को बचाना हो तो इस विवाद को बहुत सहज तरीके से सुलझाने की आवश्यकता है. देश को बड़ा बनाने के लिए जातपात से ऊपर उठना चाहिए.”
‘हिंदू-हिंदू ही आपस में लड़ जाएगा’परमात्मा के लिए हम सभी में सम्मान है. इटावा की घटना बहुत निंदनीय हुई है. हमारी प्रार्थना है कि जातिवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद के लिए काम करें. अगर ये विवाद आज नहीं थमेगा तो हिंदू-हिंदू ही आपस में लड़ जाएगा. मुसलमानों और ईसाइयों की जरूरत नहीं है.”
भगवान की कथा करने का विचार किसी एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि यह सबका अधिकारी है. इसमें कोई दोषी नहीं हो सकता. गुरुनानक देव हों, मीराबाई हों, रैदास हों या कबीरदास… सबने ही भगवान राम और श्याम का गुणगान किया है. इसमें कभी कुछ गलत नहीं था, न अब होना चाहिए.
इटावा कथावाचक विवाद पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री बोले- ‘अगर देश को बचाना है तो…’
2