इटावा मामले पर आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि कथावाचक को जिस तरीके से मारा गया और उनका सिर मुंडवाया गया, पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया, ये दिखाता है कि आजादी के 75 साल बाद भी जाति व्यवस्था की जकड़न से हम लोग बाहर नहीं हो पाए हैं. हिंदुओं की 80-85 फीसदी आबादी पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की है. भेदभाव की व्यवस्था अभी भी उनको हिंदू मानने के लिए तैयार नहीं है.
समाज के अंदर अभी भी कितना बड़ा भेदभाव- संजय सिंह
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में गुरुवार (26 जून) को आप सांसद संजय सिंह ने कहा कहीं मंदिर में प्रवेश करने से रोका जाता है. कभी घोड़ी पर बैठने के लिए रोका जाता है. कभी कथावाचन के लिए रोका जाता है. ये सब दिखाता है कि अभी भी समाज के अंदर कितना बड़ा भेदभाव है.
लखनऊ में बातचीत के दौरान संजय सिंह ने स्कूलों के मु्द्दे पर योगी सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ एक बहुत बड़ा विश्वासघात है. इतनी बड़ी संख्या में स्कूलों को बंद करने की योजना बना ली. यहां पर 2024 का आंकड़ा मैं देख रहा था. 27 हजार 308 नए मदिरालय यूपी में खोल गए. एक तरफ आप मदिरालय खोल रहे हैं दूसरी तरफ आप 27 हजार विद्यालय बंद करने जा रहे हैं.”
आप सांसद ने कहा, “ये दिखाता है कि योगी सरकार और बीजेपी की प्राथमिकता आज क्या है. उनकी प्राथमिकता झगड़े कराना, लड़ाई कराना, दंगे कराना और फसाद कराना है. उनकी प्राथमिकता में बच्चों की शिक्षा है ही नहीं. आम आदमी पार्टी पूरे उत्तर प्रदेश में इसका विरोध करेगी. गांव-गांव में हम आंदोलन करेंगे. जहां भी स्कूल बंद हो रहे हैं, हम प्रयास करेंगे कि वो स्कूल बंद न किए जाएं. ये छात्रों के भविष्य के साथ एक धोखा है.”
इटावा में कथावाचक के साथ बदसलूकी पर संजय सिंह का बड़ा बयान ‘ये दिखाता है कि हम लोग…’
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