‘इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ…’, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर ऐसा क्यों बोलीं प्रियंका गांधी?

by Carbonmedia
()

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार (29 जुलाई, 2025) को लोकसभा में बहस के दौरान पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए मोदी सरकार को घेरा. अपने भाषण की शुरुआत में प्रियंका गांधी ने देश के सैनिकों को नमन किया और देश की अखंडता बनाए रखने में उनके योगदान को सराहा. इसके बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि पहलगाम में 26 लोगों को खुलेआम आतंकियों ने मारा. वहां देशवासी मोदी सरकार के भरोसे गए और सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया था. आतंकी हमले के समय से एक घंटे बाद तक वहां एक भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था, जबकि प्रतिदिन 1,000 से 1,500 पर्यटक वहां आते थे.
इस सुरक्षा चूक के लिए उन्होंने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही उन्होंने आतंकी हमले की भनक नहीं लग पाने को लेकर मोदी सरकार और खुफिया एजेंसियों की बड़ी विफलता बताया.
प्रियंका गांधी ने सीजफायर को लेकर उठाए सवाल
प्रियंका गांधी ने पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष विराम को लेकर भी कई गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि जंग बीच में ही रुक गई और इसका ऐलान भारत के प्रधानमंत्री ने नहीं, बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया.
प्रियंका गांधी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को घेरते हुए उनके उस बयान पर भी सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान के पास भारत की शरण में आने के सिवा कोई चारा नहीं था.” उन्होंने पूछा, “आखिर मोदी सरकार ने शरण क्यों दी?” उन्होंने कहा, “आतंकी भारत में आकर लोगों को मार डालते हैं और मोदी सरकार पाकिस्तान को शरण दे रही है. गृहमंत्री ने अपने भाषण में नेहरू, इंदिरा गांधी की बात की और सोनिया गांधी के आंसुओं तक भी पहुंच गए, लेकिन ये नहीं बताया कि संघर्ष के बीच अचानक ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया?” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मां (सोनिया गांधी) के आंसू तब गिरे, जब उनके पति (राजीव गांधी) को आतंकवादियों ने शहीद किया था.
मोदी सरकार की कूटनीति पूरी तरह विफल- प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा, “अगर ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पाकिस्तान को सबक सिखाना था, तो शायद यह मकसद अभी अधूरा है.” उन्होंने मोदी सरकार की कूटनीति को भी विफल बताया. इसके प्रमाण के तौर पर उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी जनरल के अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ लंच करने और पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद विरोधी समिति का अध्यक्ष चुने जाने का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि इससे आतंक खत्म करने के मकसद को धक्का लगा है. उन्होंने यह भी पूछा कि अगर भारतीय लडाकू विमानों को नुकसान नहीं हुआ, तो सदन में जवाब देने में क्या डर हैं? उन्होंने कहा, “मोदी सरकार हर समय सवालों से बचने का प्रयास करती है. जब सरकार झूठी और कायर हो तो वो बहादुर सेना के साहस व पराक्रम को भी कमजोर कर देती है.”
वहीं, प्रियंका गांधी ने अपनी दादी पूर्व प्रधानमंत्री शहीद इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा, “उन्होंने सफल कूटनीति से अमेरिका के राष्ट्रपति निक्सन का मुकाबला किया, पाकिस्तान का विभाजन कर बांग्लादेश बनाया और एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों से आत्मसमर्पण करवाया.”
TRF को आतंकी संगठन घोषित करने में लगाए 3 साल- प्रियंका
प्रियंका गांधी ने हमले की जिम्मेदारी लेने वाले टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करने में तीन साल की देरी को लेकर भी मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री ने UPA शासन के दौरान हुए लगभग 25 आतंकवादी हमले गिनाए. लेकिन टीआरएफ ने 2020 से 2025 तक अकेले कश्मीर में 25 हमले किए.
प्रियंका गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव ने सत्ता पक्ष के नेताओं की ओर से मुंबई हमले का जिक्र करने पर कहा कि उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री ने जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दिया था. हमले के दौरान ही आतंकियों को मार दिया गया था. एक आतंकी को 2012 में फांसी दे दी गई थी. वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार में राजनाथ सिंह पुलवामा, उरी, पठानकोट हमलों के समय गृह मंत्री रहे थे और आज रक्षा मंत्री हैं. गृह मंत्री अमित शाह की नाक के नीचे मणिपुर जलता रहा, दिल्ली में दंगे हुए, पहलगाम आतंकी हमला हुआ. फिर भी वे आज उसी पद पर बने हुए हैं?
यह भी पढ़ेंः ‘दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ऑपरेशन रोकने को नहीं कहा’, ट्रंप के सीजफायर वाले दावे पर PM मोदी का जवाब

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment