प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निलंबित आईएएस अधिकारी और इन्वेस्ट यूपी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अभिषेक प्रकाश, कथित बिचौलिए निकांत जैन और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गुरुवार (7 अगस्त 2025) को छापे मारे.
सूत्रों ने बताया कि अभिषेक प्रकाश की ओर से कथित तौर पर रिश्वत मांगने वाले निकांत जैन से जुड़े चार परिसरों की धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तलाशी ली जा रही है. उन्होंने बताया कि निकांत जैन के घर के अलावा, उससे और उसके परिवार के सदस्यों से संबंधित कंपनियों के कार्यालयों के रूप में रजिस्टर्ड दो परिसरों पर भी छापे मारे जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि उस होटल में भी छापे मारे जा रहे हैं जिसमें उसके परिवार के सदस्य संयुक्त निदेशक हैं.
इससे पहले जैन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने 2006 बैच के आईएएस अधिकारी प्रकाश को इस साल मार्च में उस समय निलंबित कर दिया था जब सौर उद्योग के एक निवेशक ने निकांत जैन पर परियोजनाओं को मंजूरी दिलाने के लिए कमीशन मांगने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.
‘इन्वेस्ट यूपी’ निवेश को प्रोत्साहित करने वाली राज्य की एजेंसी है जिसका उद्देश्य निवेश आकर्षित करना और उसे सुगम बनाना है. अभिषेक प्रकाश इसके सीईओ के रूप में कार्यरत थे. अधिकारियों ने पहले बताया था कि जैन को एक उद्यमी के प्रस्ताव को ‘इन्वेस्ट यूपी’ के अधिकारियों की मदद से मंजूरी दिलाने के लिए उससे पैसे मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
इन्वेस्ट यूपी के पूर्व सीईओ अभिषेक प्रकाश के निलंबन के बाद आईएएस अधिकारी विजय किरण आनंद को यह जिम्मेदारी दी गई. विजय आनंद प्रयागराज महाकुंभ की सफलता में अहम भूमिका निभाने वाले आईएएस अधिकारी हैं.
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‘इन्वेस्ट यूपी’ के पूर्व सीईओ के खिलाफ ईडी का बड़ा एक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की लखनऊ में छापेमारी
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