इमरजेंसी के दौर में कौन थी रुखसाना सुल्ताना, जिनके खौफ से सहम जाते थे मुस्लिम? बॉलीवुड की बड़ी एक्ट्रेस है बेटी

by Carbonmedia
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Rukhsana Sultana: भारत की राजनीति में इमरजेंसी के समय को एक काले अध्याय के रूप में जाना जाता है. 25 जून 2025 को इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने जा रहे हैं. इस दिन को बीजेपी पूरे देश में संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाएगी. इमरजेंसी के दौरान रुखसाना सुल्ताना बड़ी पॉलिटिकल पावर थीं, जिनका नाम सुनते ही मुस्लिम पुरुष डर जाते थे. उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी का करीबी माना जाता था, जिस वजह से दिल्ली की राजनीति में उनकी कद काफी बड़ा था.
मुस्लिम पुरुषों में था रुखसाना सुल्ताना का खौफ
इमरजेंसी के दौर में देश में बढ़ती जनसंख्या को बड़ी समस्या के रूप में देखा गया था, जिसे कंट्रोल करने के लिए संजय गांधी रुखसाना सुल्ताना को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि संजय गांधी ने रुखसाना सुल्ताना को 8 हजार मुस्लिम पुरुषों की नसबंदी करवाने का काम सौंपा था.
बताया जाता है कि रुखसाना सुल्ताना ने इससे परे जाकर 13 हजार मुस्लिम पुरुषों की नसबंदी करवाई थी. जिसके बाद मुस्लिम पुरुषों में उनके नाम से ही खौफ समा जाता था. वह जब भी जामा मस्जिद और तुर्कमान गेट के आसपास से भी गुजरती थीं तो वहां के मुस्लिम पुरुष अपने-अपने घर में दुबक जाते थे.
रुखसाना को पसंद नहीं करती थीं इंदिरा गांधी
वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई ने अपनी किताब 24 अकबर रोड में भी रुखसाना सुल्ताना का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि रुखसाना सुल्ताना संजय गांधी के इतनी करीब थीं कि उनकी पत्नी मेनका गांधी और मां इंदिरा गांधी रुखसाना को पसंद नहीं करती थीं. संजय गांधी ने रुखसाना को जामा मस्जिद के पास से अवैध निर्माण हटाने की भी जिम्मेदारी सौंपी थी.
रुखसाना सुल्ताना की शादी शिवेंद्र सिंह के साथ हुई थी, लेकिन कुछ ही दिनों में दोनों का तलाक हो गया था. उनकी बेटी बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री और एक्टर सैफ अली खान की पहली पत्नी अमृता सिंह हैं.
संजय गांधी के बारे में अधिक चिंतित थीं इंदिरा गांधी
आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रधान सचिव के रूप में काम करने वाले पीएन धर ने अपनी किताब द इमरजेंसी एंड इंडियन डेमोक्रेसी संजय गांधी का जिक्र किया. उन्होंने लिखा कि उन दिनों पीएमएच (प्रधानमंत्री आवास) असंवैधानिक गतिविधियों का अड्डा बन गया था. उन्होंने लिखा कि इंदिरा गांधी, संजय गांधी के बारे में अधिक चिंतित थीं और खुद को अपने परिवार में अलग-थलग पा रही थीं.

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