Akhilesh Yadav on 50 Years of Emergency: भारत देश के लिए आज का दिन (25 जून) काफी चर्चा में रहता है. इसकी वजह है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सलाह पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने 25 जून 1975 को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की. अब आज के दिन भारत की राजनीति में सत्ताधारी पार्टी विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर इस दिन को लेकर हमलावर है. आपातकाल को लेकर राजनेताओं की भी अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं. वहीं इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर समाजावादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का सबसे अलग बयान आया है.
फर्रुखाबाद में मीडिया से बात करते हुए इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा-“एक होती है घोषित और एक होती है अघोषित, अगर हम इमरजेंसी को याद कर रहे हैं तो इस समय जो इमरजेंसी चल रही है उसको भी ध्यान में रखना चाहिए.” इसके साथ ही सपा चीफ ने कहा बीजेपी को और बीजेपी की विचारधारा को अंग्रेजों ने बनाया.
हम लोग आउटसोर्स खत्म करेंगे और पक्की नौकरी देंगे- अखिलेश यादव
बीजेपी पर हमला बोलते हुए पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा “भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि धर्म धर्म से लड़े, जाति जाति से लड़े. नकारात्मक राजनीति करने का तरीका है भारतीय जनता पार्टी का.” उन्होंने कहा पूरी सरकार में पानी चू रहा है भ्रष्टाचार का, हम लोग आउटसोर्स खत्म करेंगे और पक्की नौकरी देंगे.
इटावा में कथावाचक से हुई पिटाई वाले मामले पर भी दिया बयान
इटावा में कथावाचक से हुई पिटाई वाले मामले पर सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा जिनके बाल काटे गए, चोटी काटी गई, वह अपने भगवान की भी भागवत कथा नहीं कह सकते हैं? बीजेपी को तकलीफ यह है कि भगवान कृष्ण का प्रचार ज्यादा है, उन्हें दुनिया में पूजते हैं.” अखिलेश यादव ने कहा मैं आपके माध्यम से अपील करूंगा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी, जिन पर पेशाब डाली गई है, जिनकी चुटिया काटी गई उस परिवार से जरूर मिले और जिन्होंने किया उस परिवार से भी मिले
‘कथा कहने का अधिकार सिर्फ ब्राह्मण को…’, इटावा के कथावाचक वाले कांड पर शंकराचार्य की खरी-खरी!
इमरजेंसी के 50 साल पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया, बोले- ‘एक होती है घोषित और एक होती है अघोषित’
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