भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू कर दी है. चुनाव आयोग की कार्रवाई, केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के बाद शुरू की गई, जिसमें जगदीश धनखड़ की इस्तीफे को अधिसूचित किया गया था.
चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग को उपराष्ट्रपति पद का चुनाव संपन्न करवाने की जिम्मेदारी मिली हुई है. यह प्रक्रिया 1952 के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम और 1974 के राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति चुनाव नियमों के तहत संचालित होगी.
उपराष्ट्रपति के चुनाव की जल्द घोषणा करेगा ECI
चुनाव आयोग की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, जल्द ही उपराष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी. चुनाव आयोग ने बताया है कि यह घोषणा करने से पहले आयोग अपने स्तर पर कुछ तैयारी पूरी करना चाहता है. इसके तहत, इलेक्टोरल कॉलेज का गठन होगा, जिसमें राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं. इसके साथ ही रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति होगी. पहले हुए उपराष्ट्रपति चुनावों से जुड़ी पृष्ठभूमि सामग्री का संकलन और वितरण होगा.
विपक्षी खेमे में भी हलचल तेज
चुनाव आयोग की तरफ से आधिकारिक जानकारी सामने आते ही विपक्षी खेमे में भी हलचल तेज हो गई है. विपक्षी खेमे ने भी अपने उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है. कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एनडीए के संभावित उम्मीदवार के मुकाबले के लिए कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने मिलकर एक उपयुक्त साझा उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है.
हालांकि विपक्ष के पास संख्याबल की कमी है, लेकिन विपक्षी दल राजनीतिक और वैचारिक संघर्ष के रूप में इस चुनाव को लेने के मूड में हैं. सूत्रों के अनुसार, एनडीए उम्मीदवार को सशक्त चुनौती देने के लिए एक ऐसे चेहरे की तलाश हो रही है, जो विपक्ष की एकता और सोच का प्रतिनिधित्व कर सके.
प्रधानमंत्री की वापसी के बाद होगी उम्मीदवार की चर्चा
वहीं सत्ता पक्ष से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सितंबर महीने में उपराष्ट्रपति के चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है. प्रधानमंत्री के विदेश दौरे से लौटने के बाद उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम को लेकर चर्चा शुरू होगी. इससे पहले बीजेपी का नेतृत्व संभावित उम्मीदवार की अंतरिम सूची तैयार करेगा. इस दौरान जिन बिंदुओं को ध्यान में रखा जाएगा, उसमें संभावित चेहरे के पास विधायिका चलाने का अनुभव, सबसे अहम हो सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम दक्षिण भारत, पश्चिम बंगाल या पूर्वोत्तर जैसे राज्यों से आ सकता है. साथ ही कुछ ऐसे नाम पर भी चर्चा की जा सकती है, जिनके पास लंबा विधायिका का अनुभव रहा है, जिससे कि सदन की कार्रवाई सुचारू और व्यवस्थित ढंग से चल सके.
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इलेक्टोरल कॉलेज का गठन, रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति… जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद EC ने शुरू की उपराष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी
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