कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर दही-हांडी में बाल गोविंदाओं यानी बच्चों का इस्तेमाल करने वाले गोविंदा मंडलों को महाराष्ट्र सरकार ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. दरअसल, बीते रविवार (10 अगस्त) को मुंबई के दहीसर इलाके में दही-हांडी की प्रैक्टिस के दौरान 11 साल के एक बाल गोविंदा की मौत हो गई.
आरोप है कि नवतरुण मित्र मंडल ने अभ्यास के दौरान गोविंदाओं को सेफ्टी किट उपलब्ध नहीं कराई थी. मुंबई पुलिस ने इस मामले में नवतरुण मित्र मंडल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
बच्चों को मानव पिरामिड का हिस्सा नहीं बनाया जाएगाबंबई हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, 14 साल से कम उम्र के बच्चों को दही-हांडी के दौरान मानव पिरामिड बनाने में शामिल करना प्रतिबंधित है. महाराष्ट्र सरकार ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि राज्य में कहीं भी मानव पिरामिड में बाल गोविंदाओं का इस्तेमाल न किया जाए. अगर कोई मंडल इस नियम का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पिछले साल घायल हुए थे 245 गोविंदाइस बार 16 अगस्त को मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में दहीहांडी का त्योहार मनाया जाएगा. पिछले साल दही-हांडी उत्सव के दौरान 245 गोविंदा घायल हुए थे.
‘बच्चों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण’- महाराष्ट्र सरकारमहाराष्ट्र सरकार में मंत्री और ठाणे में सबसे बड़े दही हांडी प्रतियोगिता के आयोजक प्रताप सरनाईक ने कहा कि 11 साल के गोविंदा की मौत की घटना बेहद दुखद है. संबंधित मंडल ने सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया था, जिसके चलते मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है. सभी गोविंदा मंडलों को हाई कोर्ट के नियमों का पालन करना होगा. छोटे बच्चों को मानव पिरामिड में शामिल न करें, बाल गोविंदाओं की सुरक्षा ही सबसे महत्वपूर्ण है.
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इस बार दही-हांडी के त्योहार में बाल गोविंदा नहीं होंगे शामिल, बच्चे की मौत के बाद महाराष्ट्र सरकार सख्त
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