इस बीमारी में होता है मल्टीपल ऑर्गन फेल होने का खतरा, ऐसे दिखते हैं संकेत

by Carbonmedia
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मल्टीपल ऑर्गन फेलियर, जिसे मल्टीपल ऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम भी कहा जाता है. एक अत्यंत गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर के दो या दो से अधिक अंग एक साथ कार्य करना बंद कर देते हैं. यह जानलेवा हो सकता है और अक्सर किसी गंभीर संक्रमण (सेप्सिस), ट्रॉमा या किसी पुरानी बीमारी की जटिलता के रूप में प्रकट होता है. इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम (कभी-कभी अत्यधिक प्रतिक्रिया करता है, जिससे संपूर्ण शरीर में सूजन फैल जाती है और अंगों को नुकसान पहुंचता है.
मल्टीपल ऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम कई कारणों से हो सकता है. इनमें गंभीर संक्रमण (सेप्सिस), बड़ी चोट (ट्रॉमा) और पुरानी गंभीर बीमारियां प्रमुख हैं. इसके अलावा कारणों में ये हैं शामिल.

गंभीर संक्रमण: यह सबसे आम कारण है. जब कोई संक्रमण पूरे शरीर में फैल जाता है, तो यह अत्यधिक सूजन पैदा करता है, जो अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है.
बड़ी चोट या ट्रॉमा: गंभीर दुर्घटनाएं, जलने या आंतरिक चोटें भी अंगों को सीधा नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे एमओडीए का जोखिम बढ़ जाता है.
गंभीर बीमारियां: जैसे कि हार्ट अटैक, लीवर फेलियर, पैंक्रियाटाइटिस या गंभीर डायबिटीज.
विषैले पदार्थ या जहर: किसी जहर या हानिकारक पदार्थ के संपर्क में आने से भी अंगों को नुकसान हो सकता है.
शरीर में खून के प्रवाह में कमी या शॉक: जैसे कि गंभीर रक्तस्राव, हार्ट फेलियर या डीहाइड्रेशन से अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे वे फेल हो सकते हैं.

ये हैं मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के संकेत
एमओडीएम के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर के कौन-कौन से अंग प्रभावित हुए हैं. हालांकि, कुछ सामान्य संकेत जो आपको तुरंत सचेत कर सकते हैं. इनमें प्रमुख रूप से सांस लेने में दिक्कत, मानसिक स्थिति में बदलाव,  पेशाब का कम होना, शरीर में सूजन, पेट में दर्द और पाचन संबंधी समस्याएं,  त्वचा या आंखों का पीला पड़ना (पीलिया),  लगातार कमजोरी और थकान,  सीने में दर्द या दबाव, ब्लड प्रेशर का कम होना,  त्वचा का रंग बदलना आदि शामिल हैं.  यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को ऊपर बताए गए गंभीर लक्षण जैसे सांस लेने में अचानक अत्यधिक कठिनाई, भ्रम, लगातार सीने में दर्द या शॉक के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. मल्टीपल ऑर्गन फेलियर एक इमरजेंसी है, जिसमें तुरंत इलाज की जरूरत होती है. सही समय पर पहचान और इलाज ही जान बचाने में सहायक होता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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