प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने रविवार (13 जुलाई, 2025) को दावा किया कि भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा पर उसके शिविरों पर ड्रोन हमले किए हैं, हालांकि भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से इस घटनाक्रम की कोई पुष्टि नहीं की गई है.
वहीं, उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके कई शिविरों पर रविवार तड़के ड्रोन से हमले किए गए. प्रतिबंधित संगठन ने दावा किया कि हमलों में नयन असोम उर्फ नयन मेधी मारा गया, जो संगठन की निचली परिषद का अध्यक्ष था, जबकि लगभग 19 अन्य घायल हो गए.
ऐसी किसी घटना की कोई जानकारी नहीं है- भारतीय सेना
संपर्क करने पर रक्षा प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा कि ऐसी किसी घटना की कोई जानकारी नहीं है. भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा, “भारतीय सेना के पास इस तरह के किसी ऑपरेशन की कोई जानकारी नहीं है.”
उग्रवादी संगठन ने दोहरे हमले को लेकर जारी किया बयान
भारतीय सेना की ओर से हमले की पुष्टि न होने के बाद उल्फा (आई) ने एक और बयान जारी किया. बयान में संगठन ने दावा किया कि जब उसके मारे गए सदस्य का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, उस दौरान उसके शिविर पर मिसाइलें दागी गईं.
संगठन ने कहा कि दूसरे दौर के हमलों में दो अन्य वरिष्ठ सदस्य ब्रिगेडियर गणेश असोम और कर्नल प्रदीप असोम मारे गए, जबकि कई अन्य सदस्य और नागरिक भी घायल हो गए.
मामले को लेकर बोले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार (13 जुलाई) को राज्य पुलिस की संलिप्तता या राज्य के क्षेत्र से कोई हमला किए जाने की बात से इनकार किया और कहा कि शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. उन्होंने गोलाघाट जिले के एक आधिकारिक दौरे के दौरान पत्रकारों से कहा, “असम पुलिस इस मामले में शामिल नहीं है और हमारे क्षेत्र से कोई हमला नहीं किया गया है.”
उन्होंने कहा, “इस तरह के अभियानों की स्थिति में भारतीय सेना बयान जारी करती है, लेकिन अब तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है. इस मामले में और जानकारी की आवश्यकता है. मेरा मानना है कि शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.”
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उग्रवादी संगठन उल्फा आई ने शिविरों पर ड्रोन हमले का किया दावा, भारतीय सेना ने किया खारिज
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