Ujjain Spiritual Wellness Summit: उज्जैन में स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट का आयोजन किया गया. इस मौके पर औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट 2025 का आयोजन ऐतिहासिक है.
उन्होंने कहा, ”उज्जैन धर्म, आध्यात्म, कला और विज्ञान के केंद्र के रूप में जाना जाता है. हजारों वर्षों से हम इस धरोहर को संजोकर रखे हुए हैं. यह विक्रमादित्य, सांदिपनि, कालिदास की भूमि रही है.”
उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस वर्ष को हम उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मना रहे हैं. प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए निवेश को बढ़ाया जा रहा है.”
राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि उज्जैन को धर्म नगरी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार कार्य कर रही है. इस समिट के पैनल डिस्कशन में निवेशकों के साथ साझेदारी के बिंदुओं पर चर्चा की गई. कलेक्टर उज्जैन ने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों की जानकारी प्रदान की.
उन्होंने कहा कि वेलनेस टूरिज्म में प्रदेश की ग्रोथ रही है, जिसके आगामी 10 साल में तीन गुना होने की संभावना है. मध्य प्रदेश सरकार ने आनंद को प्रोत्साहित करने के लिए आनंद विभाग बनाया है. हम दूसरों के साथ खुशियां बांटने की कोशिश करें.
राघवेंद्र सिंह ने कहा कि जीआईएस के समय सरकार ने 18 नई उद्योग नीतियां लागू कीं. इसमें स्पिरिचुअलिटी के साथ वेलनेस के प्रोत्साहन पर विशेष जोर दिया गया है.
पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव ने क्या कहा?
स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में टूरिस्ट कोविड के पूर्व 8 करोड़ थे, जो अब 11 करोड़ हो चुके हैं. उज्जैन में सबसे अधिक पर्यटक आए हैं.
उन्होंने कहा, ”2024 में 7 करोड़ से अधिक हो गए हैं. सरकार का जोर ईज ऑफ डूइंग पर है. कई तरह की परमिशन को घटाकर 10 कर दिया है, जो अब ऑनलाइन किया गया है.”
शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में टूरिज्म सेक्टर में निवेश करने पर 15 से 30 प्रतिशत तक कैपिटल सब्सिडी दी जा रही है. टूरिज्म पॉलिसी में होटल, रिजॉर्ट और वेलनेस सेंटर में भी 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि पचमढ़ी, अमरकंटक जैसी वेलनेस के प्रमुख स्थान प्रदेश में मौजूद हैं. एमपीटी के प्रदेशभर में 20 होटल्स हैं. यहां वेलनेस एक्टिविटी शुरू की जाएंगी. इनमें से तीन आईलैंड रिजॉर्ट हैं. यहां निवेश की संभावनाएं हैं. इंदौर और उज्जैन में होटल्स निर्माण के लिए लैंड पार्सल्स उपलब्ध हैं. इंदौर एयरपोर्ट के पास शीघ्र ही एयरोसिटी डेवलप किया जाएगा.
शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रमुख धर्मस्थलों को लोक के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है. 50 नए ऑफबीट डेस्टिनेशन डेवलप किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ”मध्य प्रदेश में देश की एक चौथाई 18 वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स हैं. नेशनल टाइगर रिजर्व के आसपास रिजॉर्ट्स कल्चर और वेलनेस के हब बन सकते हैं. इसके लिए बीटूबी मीटिंग्स कराई जाएंगी. प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट्स के आसपास लैंड पार्सल्स देखे जा रहे हैं.”
शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि भोपाल के पास रातापानी नेशनल पार्क और दो हैरिटेज साइट्स सांची और भीम बैठिका हैं. यहां भी निवेश की संभावना है. पचमढ़ी और खजुराहो में भी वेलनेस एक्टिविटी को प्रमोट किया जा सकता है.