उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई भीषण आपदा के बाद राहत राशि को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि फौरी तौर पर दी गई 5 हजार रुपये की राशि पर्याप्त नहीं है, जबकि बीजेपी ने इसे ओछी राजनीति करार दिया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि 5 हजार रुपये का चेक केवल तात्कालिक मदद के लिए था, जबकि शांतिग्रस्त मकानों और मृतकों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये की राशि दी जाएगी. एक विशेष कमेटी नुकसान का आकलन करेगी, जिसके बाद विस्थापन और आर्थिक पैकेज का ऐलान होगा.
बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने धराली और हर्षिल में आपदा प्रभावितों को फौरी तौर पर 5 हजार रुपये के चेक वितरित किए, ताकि वे तात्कालिक जरूरतें पूरी कर सकें.
पांच हजार पर्याप्त नहीं
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सरकार से सवाल किया कि यह राशि पर्याप्त नहीं है और लोगों को और मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल बड़ा राहत पैकेज जारी करना चाहिए. माहरा ने आपदा पीड़ितों के साथ मजाक उड़ाने का आरोप लगाया. बोले कि जिनका इस प्राकृतिक आपदा में सबकुछ उजड़ गया उनके साथ सरकार भद्दा मजाक आकर रही है.
बीजेपी का पांच लाख देने का दावा
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस पर आपदा के वक्त राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 5 हजार रुपये का चेक केवल फौरी मदद के लिए था. हमने शांतिग्रस्त मकानों के लिए 5 लाख और मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये की राशि जारी की है. एक कमेटी नुकसान का आकलन करेगी, जिसके बाद विस्थापन और आर्थिक पैकेज का ऐलान होगा.
जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम लोगों के जख्म नहीं भर सकते, लेकिन हर संभव मदद करेंगे. केंद्र सरकार से भी सहयोग मिल रहा है. धराली और हर्षिल के लोगों को हरसंभव राहत दी जाएगी. उन्होंने बताया कि होटल, दुकान और मकान के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा.
राजनीतिक तनाव
इस विवाद ने एक बार फिर से उत्तराखंड में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है. कांग्रेस ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी ने विपक्ष को आपदा के वक्त संवेदनशील होने की नसीहत दी.
उत्तरकाशी आपदा राहत राशि पर राजनीति शुरू, कांग्रेस और बीजेपी आई आमने-सामने
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