उत्तराखंड में पंचायत चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस की अभी एक और परीक्षा बाकी है. इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. हम बात कर रहे हैं प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशियों की. बीजेपी और कांग्रेस के पास अब अपने पक्ष में ज्यादा से ज्यादा जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख बनाने की जिम्मेदारी होगी.
दरअसल, जिला पंचायत अध्यक्ष हो या फिर ब्लॉक प्रमुख दोनों का ही चुनाव सिंगल ट्रांसफरेबल वोट के माध्यम से होता है, जिस तरह से देश के राष्ट्रपति को चुना जाता है, अगर आसान शब्दों में कहे तो जिला पंचायत अध्यक्ष या ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जनता नहीं करती है, बल्कि चुने हुए जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य करते हैं.
कौन लड़ सकता है जिपं अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव?
जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव वही लड़ सकता है, जो पहले से ही चुनाव जीतकर जिला आया है, फिर बाकी सदस्य एक चुने हुए सदस्य के लिए वोट करते हैं. उसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख बनाया जाता है. आसान भाषा में समझना हो तो पहले जनता अपना एक सदस्य चुनती है फिर वही सदस्य मिलकर अध्यक्ष चुनते हैं.
राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के लिए आरक्षण की सूची जारी कर दी है. अब राज्य निर्वाचन आयोग दोनों पदों के चुनाव की तिथियां घोषित करेगी, मतलब चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा.
वोटिंग के दिन सदस्यों को दिए जाएंगे बैलेट पेपर
इसके बाद जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत प्रमुख ब्लॉक प्रमुख के लिए प्रत्याशी अपना अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. वोटिंग के दिन सभी सदस्यों को एक-एक बैलेट पेपर दिया जाएगा, इस वैलिड पेपर पर जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशियों के नाम होंगे.
सदस्य अपने पसंदीदा प्रत्याशी के नाम के आगे मोहर लगाकर अपना वोट डालेंगे. इसके बाद सभी मत पत्रों को अलग किया जाता है, कई बार किन्हीं कारणों से कुछ मत पत्रों रद्द भी कर दिया जाता है. फिर मतगणना के बाद प्रत्याशी की जीत की घोषणा की जाती है.
निर्दलीय निभाएंगे अहम किरदार
इस बार उत्तराखंड में 12 जिलों में 385 जिला पंचायत सदस्य जीतकर आए हैं जिनमें से अधिकांश बीजेपी के जीते हैं, वहीं कांग्रेस ने भी अपना दम दिखाने की पूरी कोशिश की है, वहीं निर्दलीयों का भी चुनाव दबदबा रहा है.ऐसे में अपने जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने के लिए दोनों ही पार्टियों की नजर निर्दलियों पर रहेगी.
उत्तराखंड में अब जिला पंचायत अध्यक्ष चुुनाव की तैयारी, बीजेपी-कांग्रेस ने कसी कमर
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