उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि बना सोशल मीडिया पर ट्रेंड, ढोंगियों के खिलाफ कार्रवाई को मिला समर्थन

by Carbonmedia
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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू किया गया ‘ऑपरेशन कालनेमि’ सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन चुका है. धार्मिक चोला पहन कर आम लोगों को ठगने वाले फर्जी बाबाओं और ढोंगियों के खिलाफ चलाए जा रहे इस विशेष अभियान को  सोशल मीडिया साइट एक्स पर #OperationKaalnemi पर व्यापक समर्थन मिला. यह ट्रेंड कई घंटों तक टॉप में बना रहा.
पांच दिन पहले शुरू किए गए इस अभियान के तहत अब तक उत्तराखंड में 200 से अधिक संदिग्ध साधु या धर्म के नाम पर अनैतिक कार्यों में लिप्त लोगों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया है. सरकार का दावा है कि यह अभियान राज्य को धार्मिक ठगी और छद्म साधु-संतों से मुक्त करने की दिशा में एक निर्णायक पहल है.
सीएम धामी की इस पहल की जहां एक ओर सोशल मीडिया पर सराहना हो रही है, वहीं कई यूजर्स ने इसे सनातन धर्म की रक्षा से जोड़ते हुए देशभर में लागू करने की मांग की है. कुछ लोगों ने धामी को ‘धर्म का रक्षक’ कहा, तो कुछ ने इसे ‘राजनीतिक स्टंट’ भी करार दिया.
इस ऑपरेशन के बीच, सोमवार ,14 जुलाई को सीएम धामी ने अखबारों की कतरने शेयर करते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर पूरी सख्ती से काम कर रही है, दोषियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई हो रही है और पारदर्शिता, जवाबदेही व जनसेवा को शासन का आधार बनाया गया है. ऑपरेशन कालनेमि के अंतर्गत 100 से अधिक पाखंडी अब कानून की गिरफ्त में हैं. उत्तराखण्ड की पुण्यभूमि पर किसी भी प्रकार का ढोंग, छल या धार्मिक आवरण में छिपा अपराध सहन नहीं किया जाएगा.
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दूसरी ओर विपक्षी दलों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस अभियान को लेकर पारदर्शिता और धार्मिक भेदभाव को लेकर सवाल भी उठाए हैं. उनका कहना है कि ऐसी कार्रवाईयों में कानून का पालन और धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए.
डिपोर्ट किया जाएगा शख्स!200 मामलों में से एक मामला थाना सहसपुर का था. यहां पुलिस द्वारा साधु-संतो के भेष में घूम रहे एक संदिग्ध व्यक्ति रूकन रकम उर्फ शाह आलम, पुत्र आबूर, निवासी ग्राम साखीपुर, जिला टंगाईल, ढाका, बांग्लादेश, उम्र 26 वर्ष को गिरफ्तार किया गया था, जिससे पूछताछ में उसके बांग्लादेशी नागरिक होने तथा अवैध रूप से भारत में रहने की जानकारी प्राप्त हुई थी. अभियुक्त के विरूद्ध थाना सहसपुर पर विदेशी अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया था. 
अभियुक्त के पास से पुलिस को उसके बाग्लादेशी नागरिक होने सम्बन्धित कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुआ था. पुलिस द्वारा उक्त प्रकरण में विदेश मंत्रालय के माध्यम से बांग्लादेश सरकार से सम्पर्क कर अभियुक्त रूकन रकम के बांग्लादेशी नागरिक होने सम्बन्धी दस्तावेज प्राप्त किये गये हैं. जिसमें अभियुक्त के जिला तंगेल के होने की जानकारी प्राप्त हुई, जिसके आधार पर अभियुक्त के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही के उपरान्त उसे बांग्लादेश डिपोर्ट किया जायेगा.
यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अभियान भविष्य में कैसा परिणाम देता है और क्या आस्था के नाम पर भोले भाले लोगों को लूटने वाले सावधान होंगे या नहीं. 

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