उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद जगह-जगह पर लैंडस्लाइड की घटनाएँ भी बढ़ती जा रही है. इन घटनाओं का सबसे ज़्यादा असर अब चारधाम की पूरी यात्रा पर पड़ रहा है. दरअसल पहाड़ों में बारिश के बाद सड़क पर पत्थर-मलबा गिरने की घटनायें बढ़ने लगती है. जिसकी वजह से जगह-जगह पर कई घंटों तक सड़कें बंद हो जाती हैं और यात्रियों को कई घंटों तक बीच सड़क में ही फँसना पड़ जाता है.
इसके अलावा पिछले दिनों कई दुर्घटनाओं की भी ख़बर अलग-अलग इलाकों से सामने आयी. जिसके बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले लोगों में भारी कमी देखने को मिल रही है. स्थानीय लोगों की माने तो बारिश के बाद से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या गिनती की रह गयी है. गिने-चुने लोग ही इस दौरान पहाड़ों पर आ रहे है.
इस साल यात्रियों की संख्या में काफी कमी
यात्रा के पीक सीजन के दौरान यात्रियों की संख्या में आई इस भारी कमी ने चारधाम मार्ग पर बने होटल व्यापारियों की मुसीबत भी बढ़ा दी है. होटल व्यापारियों के मुताबिक इस साल यात्रियों की संख्या में कुछ ज़्यादा ही कमी देखने को मिल रही है. उसकी वजह ये कि इस साल बारिश ने अपना कहर समय से पहले बरपाना शुरू कर दिया है. लोग पहाड़ों पर निकलने से बच रहे है. जिसकी वजह से चारधाम मार्ग पर पड़ने वाले सभी होटल पूरी तरह खाली पड़े हैं. दरअसल 6 महीने ही चारों धाम के कपाट खुलते हैं. ऐसे में 1-2 महीने बारिश की वजह से खराब हो जाए तो इसका सीधा असर स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थित पर पड़ने लगता है.
होटल का किराया तक निकालना मुश्किल
चारधाम मार्ग पर एक होटल व्यापारी नरेश ने बताया कि यात्रा पर लोग बहुत कम आ रहे है. जिसकी वजह से होटल का खर्चा विकास पानी भी मुश्किल होता जा रहा है. खर्चा कम करने के लिये उन्होंने 12 लोगों के स्टॉफ में से 10 लोगों को छुट्टी पर भेज दिया और सिर्फ 2 ही लोग काम पर रखे हैं. वहीं एक और होटल व्यापारी पवन ने बताया कि यात्रियों की कमी से उन्हें भी बहुत नुकसान झेलना पड़ रहा है. होटल किराये पर लिया है और इस दौरान होटल का किराया तक निकालना मुश्किल हो गया है.
दो महीनों में लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है- होटल मालिक
बद्रीनाथ धाम के राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने एक और होटल मालिक गोविंद पंत ने बताया कि उनको बरसात के इन दो महीनों में लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है. उन्होंने बताया कि वो पिछले 15 सालों से ये होटल चला रहे है. इन सालों में कभी एक समय हुआ करता था जब होटल में लोगों की भीड़ को संभालना मुश्किल हो जाता था. लेकिन आज यात्रा सीजन में भी पूरा होटल खाली पड़ा है. इक्का-दुक्का लोग ही इन दिनों यात्रा पर आते है.
उत्तराखंड में बारिश से यात्रियों की संख्या में आई गिरावट, होटल मालिकों को हो रहा नुकसान
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