उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के परिणाम चौंकाने वाले आए हैं, जिसने भाजपा के कान खड़े कर दिए हैं. ज्यादातर बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों को करारी हार का सामना करना पड़ा है. जोकि किसी बड़े झटके से कम नहीं है. इनमें लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत, सल्ट विधायक महेश जीना, और नैनीताल विधायक सरिता आर्या के परिजन शामिल हैं. यही नहीं अन्य बीजेपी नेताओं को भी इस चुनाव में अप्रत्याशित हार मिली है.
पौड़ी जिले के लैंसडाउन से बीजेपी विधायक दिलीप रावत की पत्नी नीतू देवी ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था. उनकी जीत के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद की योजना थी, लेकिन नीतू देवी को 411 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. यह हार न केवल दिलीप रावत के लिए, बल्कि बीजेपी के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है.
सल्ट विधायक महेश जीना के बेटे की हार
अल्मोड़ा जिले के स्याल्दे ब्लॉक में बबलिया क्षेत्र पंचायत सीट पर सल्ट विधायक महेश जीना के बेटे करन जीना को करन नेगी ने 50 वोटों से हराया. करन जीना को ब्लॉक प्रमुख पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन उनकी हार ने बीजेपी की साख पर सवाल खड़े कर दिए. यह हार 2027 विधानसभा चुनाव में महेश जीना की स्थिति पर भी असर डाल सकती है.
नैनीताल विधायक सरिता आर्या के बेटे की हार
नैनीताल जिले में जिला पंचायत सदस्य सीट पर बीजेपी विधायक सरिता आर्या के बेटे को कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार यशपाल आर्य ने 1200 वोटों से हराया. सरिता 2022 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थीं और विधायक बनी थीं, लेकिन इस हार ने उनकी राजनीतिक ताकत पर सवाल उठाए हैं.
अल्मोड़ा में बीजेपी नेताओं को दोहरा झटका
अल्मोड़ा के भैसियाछाना ब्लॉक में बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के मंडल अध्यक्ष संतोष कुमार राम और उनकी पत्नी पूजा देवी को भी हार का सामना करना पड़ा. संतोष को सूरज कुमार ने 267 वोटों से हराया, जबकि पूजा देवी डूंगरलेख सीट पर तीसरे स्थान पर रहीं.
चमोली में पूर्व मंत्री की पत्नी की हार
उधर गढ़वाल इलाके में चमोली जिले में पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी और निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी रानों वार्ड से चुनाव हार गईं. वह चौथे स्थान पर रहीं, जो बीजेपी के लिए बड़ा झटका है.
नैनीताल में बेला तोलिया की हार
नैनीताल जिले की रामड़ी आन सिंह सीट पर निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष और बीजेपी प्रत्याशी बेला तोलिया को निर्दलीय उम्मीदवार छवि बोरा कांडपाल ने 2000 से अधिक वोटों से हराया. यह हार बीजेपी के लिए नाक का सवाल बन गई थी.
उत्तराखंड में भाजपा को करारा झटका, पंचायत चुनाव में ज्यादातर उम्मीदवार हारे, कांग्रेस को बढ़त
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