उद्धव और राज ठाकरे के एकजुट होने की संभावना के बीच महायुति का ‘प्लान B’ तैयार, क्या है तैयारी?

by Carbonmedia
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महाराष्ट्र में जल्द ही स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों की घोषणा होने वाली है. इसे देखते हुए राज्य की सभी पार्टियां सक्रिय हो गई हैं. महायुति और महाविकास आघाड़ी के बीच समीकरण बनाए जा रहे हैं. मुंबई, ठाणे, पुणे जैसे प्रमुख महानगरपालिकाओं के चुनाव भी इसी दौरान होंगे. ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे दोनों भाई एक साथ आ सकते हैं. इसी पृष्ठभूमि में महायुति ने अपना प्लान-बी तैयार कर लिया है, ताकि ठाकरे बंधुओं को रोका जा सके.
ठाकरे बंधुओं के लिए ‘नो रिस्क’ नीति
सूत्रों के अनुसार महायुति ने ठाकरे बंधुओं के खिलाफ नो रिस्क नीति अपनाई है. प्लान बी के तहत, प्रमुख महानगरपालिकाओं में महायुति मिलकर चुनाव लड़ेगी. ठाकरे बंधु अगर एकजुट होते हैं तो उनकी ताकत बढ़ेगी, इसलिए महायुति इस बात की खास चिंता कर रही है कि उनके वोटों का विभाजन न हो. विशेष रूप से मुंबई समेत अन्य प्रमुख महानगरपालिकाओं में महायुति मिलकर मैदान में उतरने की रणनीति बना रही है.
मुंबई जीतने के लिए विशेष योजना
ठाकरे बंधुओं को लाभ न हो, इसलिए महायुति विशेष रूप से मुंबई महानगरपालिका को जीतने पर ध्यान दे रही है. इस बार के चुनावों में मुंबई केंद्र में रहेगी. सभी पक्षों ने इसे जीतने की ठान ली है. ठाकरे बंधु भी यही लक्ष्य लेकर एकजुट होने की तैयारी में हैं. इसी को देखते हुए, मुंबई को जीतने की जिम्मेदारी उन नेताओं को सौंपी जाएगी, जो शहर की राजनीति को अच्छी तरह समझते हैं.
ठाकरे कार्यकाल की पोल खोलने की रणनीति
सूत्रों के मुताबिक, जहां-जहां महायुति के भीतर मतभेद हैं, उन्हें आगामी एक महीने में सुलझा कर चुनाव की तैयारी शुरू की जाएगी. साथ ही, महायुति मुंबई महानगरपालिका पर पिछले कई वर्षों से सत्ता में रही शिवसेना (ठाकरे गुट) के कार्यकाल की पोल खोलने की रणनीति भी अपना रही है. मुंबई के हर वार्ड की जिम्मेदारी महायुति के विधायकों को दी जाएगी.
जनसंपर्क बढ़ाने की रणनीति
महानगरपालिका का चुनाव जीतने के लिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना जरूरी है. अभी त्योहारों का मौसम चल रहा है, जब लोग एकजुट होते हैं और उत्सव मनाते हैं. इस अवसर का उपयोग करते हुए महायुति त्योहारों के दौरान लोगों तक पहुंचने का प्रयास करेगी. खासकर कोकणी मतदाताओं तक पहुंचने के लिए गणेशोत्सव के समय मुफ्त ट्रेनें और एसटी बसों की सेवा की व्यवस्था की जाएगी. गोविंदा पथकों और सार्वजनिक गणेश मंडलों को भी महायुति से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है.
 

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