Congress Leader Pawan Khera: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं. केंद्र सरकार और बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान को उन्होंने कटघरे में खड़ा किया. पवन खेड़ा ने कहा कि बिहार में जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है वो एक सुनियोजित षडयंत्र है, जिसके तहत लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है.
‘अब निष्पक्षता नाम की कोई चीज नहीं’
चुनाव आयोग हमारे सवालों का जवाब देने के बजाए इन कामों में लग गया है. अब निष्पक्षता नाम की कोई चीज नहीं बची है. यह बेहद गंभीर मामला है. इस मुद्दे को हम लोग लगातार उठा रहे हैं. अन्य विपक्षी दल, ममता बनर्जी ने भी सवाल खड़े किए हैं. इधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया है. बीजेपी का एजेंट इलेक्शन कमीशन को बताते हुए आरोप उन्होंने लगाए हैं.
वहीं सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने बयान जारी कर कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के नाम पर आदिवासी दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं का नाम सूची से हटाने की साजिश रच रहा है. इलेक्शन कमिशन को बीजेपी बिहार में प्रयोगशाला बनाने की कोशिश में है.
अक्टूबर नवंबर में हो सकता है चुनाव
बता दें बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं. अक्टूबर नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट की निष्पक्षता और शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए देश के छह राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा की है. इसकी शुरुआत बिहार से की जा रही है.
आयोग का मुख्य उद्देश्य फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मतदाता सूची में शामिल हुए अवैध विदेशी प्रवासियों को बाहर करना है. यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब कई राज्यों में बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. बिहार में पिछली बार विशेष गगन पुनरीक्षण 2003 में किया गया था.
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‘एक सुनियोजित षडयंत्र…’, पवन खेड़ा का चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल
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