Etah News: एटा जनपद की जलेसर तहसील क्षेत्र के जैनपुरा गांव में हों रही भागवत को लेकर पिछले रविवार को कलश यात्रा रोकने को लेकर दलित समुदाय के कुछ युवकों व सर्व समाज के बीच विवाद हों गया था. जिसको पुलिस और प्रशाशनिक अधिकारियों से समझा बुझा कर शांत कर दिया था और कलश यात्रा को भी निकलवा दिया गया था. परंतु कुछ समाज विरोधी लोग आज भी इस मुद्दे को भड़काकर जलेसर कस्बे सहित जैनपुरा गांव में को जातीय हिंसा की आग में झोंक देना चाहते हैं.
तहसील जलेसर क्षेत्र के गांव जैनपुरा में रविवार को श्रीमद भागवत कथा के आयोजन से पूर्व कलश यात्रा को लेकर कुछ दलित समाज के युवकों और सर्व समाज के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था. कलश यात्रा शाम करीब चार बजे निकाली जानी थी लेकिन आरोप है कि जब यह यात्रा दलित समुदाय के घरों के पास से गुजरी तो दलित समुदाय के कुछ युवकों ने इसे रोक दिया और यात्रा को मार्ग से निकलने से मना कर दिया.
इस घटना से कलश यात्रा और भागवत में शामिल सर्व समाज के लोगों और कुछ दलित युवकों में आक्रोश फैल गया. विवाद की सूचना पर कोतवाली प्रभारी जलेसर डॉक्टर सुधीर राघव मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ. कुछ समय बाद दोनों पक्षों के लोग और कलश यात्रा में शामिल लोगों को पुलिस ने समझा बुझा कर शांत करवा दिया. इस दौरान बहुत सर महिलाएं मौके पर कलश लिए खड़ी रहीं, जिससे तनाव की स्थिति बन गई. दलित समुदाय के लोगों का कहना था कि 16 अप्रैल को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की रैली को निकलने नहीं दिया था इसलिए वे अब ये कलश यात्रा को इस मार्ग से नहीं निकलने देंगे.
इस सम्बन्ध में भागवत कथा के आयोजक यश जादौन ने बताया कि गांव में कभी भी भीमराव अंबेडकर की शोभा यात्रा नहीं निकाली गई है और यह शोभायात्रा बिना अनुमति के निकाली जा रही थी जो एक नई प्रथा है. जलेसर कोतवाली प्रभारी डॉक्टर सुधीर राघव ने काफ़ी देर बातचीत के बाद दोनों पक्षों को समझाया और कलश यात्रा को भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में भागवत कथा स्थल तक पहुंचवाया.
गांव में होगा सामूहिक बैठक का आयोजन
इस घटना की सूचना पर क्षेत्राधिकारी जलेसर ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, एसडीएम जलेसर भावना विमल और नायब तहसीलदार वाजिद अली भी मौके पर पहुंचे. एसडीएम भावना विमल ने बताया कि गांव जैनपुरा में एक सामूहिक बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें दोनों पक्षों की समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के झगड़े की संभावना न रहे. यह घटना क्षेत्र में सामुदायिक सौहार्द की आवश्यकता को एक बार फिर से उजागर करती है. इस बीच जलेसर पुलिस ने एक्शन लेते हुये जैनपुरा में कलश यात्रा रोकने वाले 20 लोगों को नोटिस भेजा है जिससे एक बार फिर ये मुद्दा भड़क उठा है.
हर दिन पुलिस की मौजूदगी में हो रही रामकथा
ये रामकथा भागवत तीन जून तक चलेगी प्रत्येक दिन पुलिस की मौजूदगी में रामकथा हों रही है. जलेसर कोतवाली क्षेत्र के गांव जैनपुरा में भागवत कथा की कलश यात्रा को रोकने वाले 20 लोगों को पुलिस ने नोटिस जारी किया है. गांव में विधिवत रूप से कथा का आयोजन शुरू हो गया है और पुलिस की तैनाती भी की गई है. रविवार को जैनपुरा में भागवत कलश यात्रा निकाली जा रही थी, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं कलश लेकर कथा पंडाल में पहुंच चुकी थीं. इसी दौरान, दलित समाज के कुछ लोगों ने कलश यात्रा का विरोध करना शुरू कर दिया और गलियों में अवरोधक लगा दिए. विरोध के दौरान, उन्होंने गाली-गलौज करते हुए धमकी दी कि यदि यात्रा निकाली गई तो वे इसका विरोध करेंगे. उनका कहना था कि कलश यात्रा की पुलिस और प्रशासन से अनुमति भी नहीं ली गई है.
कलश यात्रा रोकने वाले लोगों को भेजा नोटिस
हालांकि पुलिस और अधिकारियों ने समझा-बुझाकर मामला शांत कर दिया और बाद में कलश यात्रा निकाली जा सकी. अब जलेसर कोतवाली पुलिस ने कलश यात्रा रोकने वाले लोगों को नोटिस जारी किया है जिसमें उनसे पूछा गया है कि उन्हें क्यों न पाबंद किया जाए. कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुधीर राघव ने बताया कि नोटिस देने की कार्रवाई की गई है और गांव में भागवत कथा सुचारू रूप से चल रही है.
तवाली पुलिस की मौजूदगी में राम कथा का आयोजन
पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है. राम कथा के 5वें दिन भी कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में राम कथा का आयोजन किया गया और गांव में शांति बनी हुई है. इस संबंध में जलेसर कोतवाली इंस्पेक्टर डॉ सुधीर राघव ने बताया कि कलश यात्रा के कार्यक्रम में कुछ दलित युवकों को छोड़कर सभी लोग शामिल थे सभी ने चंदा दिया है, बल्कि कुछ जाटवों ने भी इसमें चंदा दिया है जो पुराने बुजुर्ग लोग हैं उन्होंने भी चंदा दिया है जो कुछ 20-21 साल के भीम आर्मी वाले समर्थक हैं वह विरोध कर रहे हैं.