Madhya Pradesh Monsoon: मध्य प्रदेश में तेज बारिश के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून के एक सप्ताह देरी से अगले सप्ताहांत तक पहुंचने की संभावना है. मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को यह जानकारी दी.
आईएमडी के भोपाल केंद्र के प्रभारी अरुण शर्मा ने बताया कि परिस्थितियों को देखते हुए मानसून के 21-22 जून तक छिंदवाड़ा, बालाघाट और डिंडोरी जिलों से मध्यप्रदेश में प्रवेश करने की संभावना है.
हर साल कब तक आ जाता है मानसून?
उन्होंने कहा कि अगले 24 से 48 घंटों में मध्य महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में बारिश की गतिविधियां तेज होने की संभावना है. शर्मा ने कहा कि मानसून सामान्य रूप से 15 जून तक मध्यप्रदेश में प्रवेश कर जाता है और 19 जून तक उत्तरी क्षेत्र को छोड़कर पूरे राज्य तक पहुंच जाता है.
दक्षिण-पश्चिम मानसून 24 मई को केरल पहुंच गया, जो 2009 के बाद से भारतीय जमीन पर सबसे जल्दी आने वाला मानसून है. हालांकि, मध्य प्रदेश में जून की शुरुआत में इसके आगमन की उम्मीद थी, लेकिन मौसम की स्थिति के कारण इसके आने में देरी हुई है.
पिछले साल मध्यप्रदेश में मानसून ने 21 जून को दस्तक दी थी. इस साल केरल में मानसून तय समय से आठ दिन पहले पहुंचा है. मौसम विभाग के मुताबिक, 16 साल में ऐसा पहली बार हुआ जब मानसून इतनी जल्दी आया है. 2009 में मानसून नौ दिन पहले पहुंचा था. वहीं, पिछले साल 30 मई को इसने दस्तक दी थी.
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