राजन गोसाई | अमृतसर पंजाब सरकार ने राज्य में हो रही रेत -बजरी की अवैध माइनिंग रोकने का जिम्मा आबकारी विभाग के अधिकारियों को सौंपा है। इस संबंध में पत्र जारी कर आबकारी विभाग के अधिकारियों के नाम, तिथि और जगह पहले से ही तय कर उन्हें नाकेबंदी करने, बिना बिल के रेत और बजरी के ट्रकों की चेकिंग करने के निर्देश जारी किए हैं। इस आदेश से सरकार ने एक तीर से 2 निशाने साधने की कोशिश की है। एक तो इससे जानकारी हासिल हो सकेगी कि सप्ताह में रेत और बजरी के कितने ट्रक विभाग की ओर से अलाट की गई साइटों से निकलती है, दूसरा इससे माइनिंग विभाग का भ्रष्टाचार भी सामने आएगा। वित्त कमिश्नर की ओर से एक्साइज विभाग के स्टेट टैक्स अफसरों को निर्देशों जारी किए गए हैं कि अधिकारी रेत-बजरी की माइनिंग में हो रहे घोटाले और अवैध माइनिंग को रोकने के लिए विभिन्न नाकों पर तैनात हों। इसके लिए बाकायदा अधिकारियों के नाम के साथ किस तारीख को कहां पर नाकेबंदी की जानी है। इस बारे में एक लेटर जारी किया गया। यह ड्यूटियां गुड्स एंड सर्विस एक्ट 2017 के तहत चल रहे क्रेशर, लैंड माइनिंग और बिना बिल के माल ले जा रहे वाहनों की चेकिंग के लिए लगाई गई हैं। इसके अंतर्गत अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे रोज़ाना चेकिंग के दौरान यह जांच करें कि क्रैशर (बजरी) या रेत को बेचने के लिए ले जाने के लिए जारी किए गए एम या एक्स के जरिए ट्रकों में भर कर लाए हैं या नहीं। यदि एम या एक्स फॉर्म है, तो उसकी कीमत कितनी दर्शाई गई है और वास्तविक माल कितना है। इस संबंध में काटे गए बिल में माल की मात्रा कितनी (क्विंटल में) दर्शाई गई है और वास्तविक माल कितना है। जो भी माल राज्य से बाहर का है, वह फिनिश्ड प्रॉडक्ट या रा मेटेरियल है। ट्रक में लादे गए माल की बाजार में क्या कीमत है और बिल में कितनी कीमत दर्शाई गई है।
एसटीओ करेंगे माइनिंग की निगरानी:सरकार ने रेत-बजरी की अवैध माइनिंग रोकने का जिम्मा आबकारी विभाग को सौंपा
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