एसिड बनते ही क्या आप भी करते हैं ये काम? जानें अपने शरीर को कितना पहुंचा रहे नुकसान

by Carbonmedia
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एसिडिटी सामान्य प्राॅब्लम है. इसके इलाज के लिए अक्सर लोग दवा की दुकान से एंटासिड लेकर खा लेते हैं. ये आदत सामान्य है, लेकिन कई बार ये मुसीबत बन सकती है. एंटासिड का लगातार सेवन किस तरह खतरनाक हो सकता है? आइए जानते हैं…
क्यों बढ़ रहा है एंटासिड का यूज?

स्पाइसी एंड ऑयली डाइट: भारतीय फूड में मसाले, ऑयल के साथ फैट भरपूर होता है. ये खाने में तो टेस्टी लगते हैं, लेकिन पेट के लिए मुसीबत बन जाते हैं. एसिड रिफ्लक्स के साथ इनडाजेशन की प्राॅब्लम दिखने लगती है.
इटिंग हैबिट्स: हे​क्टिक लाइफ स्टाइल में इटिंग हैबिट्स गड़बड़ा गई है. खाना नहीं खाया या फिर आधी रात में डिनर किया. फे​स्टिवल या फिर किसी सोशल इवेंट के दाैरान फूड इतना अच्छा लगा कि ओवरइटिंग का ​शिकार हो गए. इससे डाइजेशन बिगड़ता है. पेट में एसिड बनने लगता है. जिससे एसिडिटी की समस्या देखने को मिलती है.
हे​क्टिक लाइफस्टाइल: काम का दबाव, अ​​धिक ट्रैवल करना, प्राॅपर नींद न लेना, क्राॅनिक स्ट्रेस से एसिडिटी की समस्या बढ़ती है.
बिना डाॅक्टर की सलाह के दवा: ​पेट में डाइजेशन की दिक्कत होने पर अ​धिकतर लोग दुकान से एंटासिड जैसी दवा खरीदकर सेवन कर लेते हैं. लेकिन डाॅक्टर से कंसल्ट नहीं करते.

लंबे समय तक एं​टासिड के नुकसान

कभी-कभार इसका सेवन ठीक है. लेकिन नियमित रूप से एंटासिड का सेवन करना नुकसान पहुंचा सकता है.
इसके लगातार सेवन से अल्सर या संक्रमण जैसी बड़ी समस्या छिप सकती हैं.
बाॅडी में मैग्नीशियम या कैल्शियम का संतुलन बिगड़ सकता है.
प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (पीपीआई) के लंबे समय तक इस्तेमाल से विटामिन बी12 और आयरन की कमी हो सकती है.
पीपीआई के लंबे समय तक इस्तेमाल से किडनी की बीमारी का जोखिम हो सकता है.
एंटासिड बंद करने से एसिड का उत्पादन और भी बढ़ सकता है, जिससे हाइपरएसिडिटी की समस्या हो सकती है.

एं​टासिड की जगह पर अपनाएं ये तरीके

कारण पहचानें: लक्षणों को इग्नोर न करें, ब​ल्कि प्राॅपर डाग्नोज कराएं. बार-बार होने वाली एसिडिटी गर्ड (गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज), गैस्ट्राइटिस, फूड इंटोलरेंस या एच पाइलोरी जैसे बै​क्टीरियल इंफेक्शन का संकेत हो सकती है.
डाइट में बदलाव करें: बहुत मसालेदार, तले-भुने, एसिडिक फूड जैसे टमाटर, खट्टे फल या कैफीन आदि से बचें. थोड़े-थोड़े अंतराल पर और बार-बार भोजन करें. खाना खाने के एक से दो घंटे तक लेटें नहीं. डाइट में फाइबर, फल और प्रोबायोटिक्स की मात्रा बढ़ाएं.
स्ट्रेस कम करें: क्राॅनिक स्ट्रेस से गट हेल्थ बिगड़ती है. इससे बचाव करें. इसके लिए एक्सरसाइज, योगा करें. प्राॅपर नींद लें.
अल्कोहल और तंबाकू: इन दोनों का सेवन बाॅडी में एसिड रिफ्लक्स की समस्या बढ़ता है. इन्हें लेने से बचें.
खाने के बाद जल्द लेटें नही: खाना खाने के बाद सीधे बेड पर न जाएं. पेट में खाने को पचने का समय दें. अगर एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो रही है तो बेड से सिर को ऊपर उठा लें.
कब डाॅक्टर को​ दिखाएं: अगर हफ्ते में दोबार से अ​धिक दवा ले रहे हैं, लगातार हार्ट बर्न, वेट लाॅस आदि की समस्या होने पर डाॅक्टर को दिखाएं.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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