सिरसा जिले के ऐलनाबाद के निजी कॉलेज के संस्थापक का शव पंचकूला में पाया गया। इनकी हत्या का आरोप फाइनेंसर पर है। परिजनों का आरोप है कि पैसे और मकान हड़पने के लिए यह साजिश रची है। पता चला है कि कॉलेज संस्थापक अमरजीत सिंह की सोमवार शाम 7 बजे अपने घर पर अंतिम बार बात हुई थी। उस समय उनका फोन घर के नौकर दूनी ने उठाया और दूनी से अमरजीत ने कहा था कि घर पर जो कैश पड़ा है, उसे लेकर आ जाओ। उस दौरान उनकी पत्नी से भी बात हुई थी। जब पत्नी ने अचानक पैसे मंगवाने का कारण पूछा तो यहीं कि मैंने दूनी से कह दिया ना कि कैश लेकर आ जाओ। इसके बाद कोई बात नहीं हो पाई। कुछ देर बाद पता चला कि उनकी डेडबॉडी पिंजौर की पहाड़ियों मिली है। सूचना पर परिजन पंचकूला में पहुंचे। पुलिस ने भी घटनास्थल का जायजा लेकर शव को अपने कब्जे में लिया और सिविल अस्पताल में पहुंचाया। मंगलवार को परिजन शव सहित पंचकूला से गाड़ी लेकर सिरसा के लिए रवाना हुए। दरअसल, संस्थापक अमरजीत सिंह की मोहाली में प्रोपर्टी है, वहीं पर फाइनेंसर विक्रम को मकान किराए पर दिया हुआ था। बताया जा रहा है कि उनके बीच अच्छी दोस्ती थी। विक्रम पहले भी अमरजीत सिंह से पैसे उधार ले चुका था। विक्रम फाइनेंस का काम करता था, दोस्ती का नाजयज फायदा उठाया अनिल मेहरा ने बताया कि अमरजीत सिंह का विक्रम के साथ मेलजोल था और विक्रम फाइनेंस का काम करता था और सिरसा का रहने वाला था। दोस्ती के नाते ही उसे मकान में ऑफिस बनाने के लिए किराए पर दिया था। मगर विक्रम ने उनकी दोस्ती का नाजायज फायदा उठाया। विक्रम ने अमरजीत से पैसे भी उधार ले रखे थे और वह पैसों के साथ-साथ यह मकान भी हड़पना चाहता था। अमरजीत सिंह ने राजपुरा में भी प्रोपर्टी खरीदी थी, उसका कुछ दिनों में रजिस्ट्री होनी थी। इसका पता विक्रम को लग गया। विक्रम सोमवार शाम काे उनको गाड़ी में बैठाकर ले गया था। इसके बाद उनका शव पिंजौर में पहाड़ियों में मिला है। आरोप है कि विक्रम ने ही हत्या की घटना को अंजाम दिया है और उसने पैसे-मकान हड़पने के लिए किडनैप किया था। सेंटर का मकान विक्रम को दे रखा था अनिल मेहरा ने बताया कि उनके जीजा अमरजीत सिंह ने मोहाली के सेक्टर सी में प्रोपर्टी खरीद रखी थी। तीन स्टोरी मकान था, जिसमें सेंटर यानी बीच का मकान फाइनेंसर विक्रम को दे रखा था। ऊपर वाला मकान कुछ दिन पहले ही किराएदार से खाली करवा लिया था। अमरजीत ने बी ब्लॉक में भी मकान ले रखा था। इसलिए अमरजीत कभी-कभार ही सेक्टर सी स्थित मकान में जाते थे। शाम 4 बजे नॉर्मल बात हुई, 7 बजे फोन आया कि घर पर जो कैश, उसे लेकर जा जाओ अमरजीत सिंह के परिवार से आत्माराम झोरड़ ने बताया कि अमरजीत की अपनी पत्नी सविता के साथ शाम 4 बजे नॉर्मल बात हुई थी। इसके बाद शाम 7 बजे के आसपास अमरजीत का अचानक घर पर फोन आया और उनके नौकर दूनी से बात हुई। उन्होंने दूनी से कहा कि जो घर पर कैश पड़ा है, उसे लेकर जल्दी आ जाओ। तभी उनकी पत्नी सविता आ गई तो सविता ने उनसे कहा कि इतनी क्या जल्दी है, इस समय कैश का क्या करोगे। तब अमरजीत ने यहीं कि मैंने दूनी से कह दिया ना कि कैश लेकर आना है। इतना कहने के बाद फोन कट गया। इसके बाद कोई बात नहीं हुई। लेक्चरर से पदोन्नत होकर बने थे प्रोफेसर, दो साल हुए रिटायर्ड अमरजीत सिंह शुरू में ऐलनाबाद के सरकारी स्कूल में लेक्चरर थे। इसके बाद वह पदोन्नत होकर प्रोफेसर बन गए और चौ. मनीराम झोरड़ कालेज ऐलनाबाद में उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाया। करीब दो साल पहले जून 2023 में वह प्रोफेसर के पद से रिटायर्ड हुए थे। अमरजीत सिंह का ऐलनाबाद में ममेरा रोड पर चौ. आरआर मैमोरियल नाम से एक स्कूल और एक कॉलेज है। दोनों संस्थान एक ही जगह पर है और पास में रिहायशी मकान बनाया हुआ है। स्कूल में 12वीं तक की पढाई होती है और कॉलेज में बीएड, आईटीआई और जेबीटी की पढाई होती है। अमरजीत सिंह का परिवार पुस्तैनी खानदानी है। इनका ऐलनाबाद शहर में हरबंस का बास एरिया में पुराना मकान है और इनकी ममेरा रोड पर 70 से 80 एकड़ जमीन है। सभी से थे मिलनसार, डेडबॉडी का पता चलने पर सभी हैरान अमरजीत सभी से मिलनसार व्यवहार के थे। वह कॉलेज में भी अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को तय सीट पर दाखिला करते थे और फीस में छूट करते थे। इस रोड से गुजरने वाले आसपास गांव के लोगों और सरपंचों से उनका मेलजोल था और वह इनको देखते ही मिलने आते थे। मगर मुलाकात बहुत की कम होती थी। सोमवार से इनके लापता होने की सनसनी फैली थी। जब उनका डेडबॉडी मिलने की सूचना मिली तो हर कोई हैरान रह गया।
ऐलनाबाद कॉलेज संस्थापक ने नौकर से कहा, कैश ले आओ:पिंजौर में मिली डेडबॉडी, फाइनेंसर पर हत्या का आरोप, अंतिम बार पत्नी से बात
2