Pramod Krishnam on Maulana Badre Alam: योग पर चंदौसी मस्जिद के मौलाना बद्रे आलम ने आपत्ति जताई थी, जिसपर अब काल्किपीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णम का जवाब आया है. प्रमोद कृष्णम का कहना है, “जो लोग योग को हिन्दू और मुसलमान के चश्मे से देखते हैं, वो न हिन्दू हैं और न मुसलमान. ये लोग कट्टरपंथी लोग हैं.”
मौलाना बद्र आलम को जवाब देते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा, “कट्टरता (Fanaticism) अलगाववाद (यानी Separatism) को जन्म देता है और अलगाववाद आतंकवाद (Terrorism) को पैदा करता है. किसी भी तरह की कट्टरता देश के लिए भी ठीक नहीं है और मानवता के लिए भी ठीक नहीं है.”
Sambhal, Uttar Pradesh: On Maulana Badre Alam’s statement regarding Surya Namaskar, Acharya Pramod Krishnam says, “Those who view Yoga through the lens of Hindu and Muslim are neither true Hindus nor true Muslims. They are all extremists and fanatics. And fanaticism gives birth… pic.twitter.com/KhkxuuxEir
— IANS (@ians_india) June 21, 2025
‘पूरा ब्रह्माण्ड ही सनातन का’- प्रमोद कृष्णमन्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा, “जिस तरह परमात्मा सबका है, उसी तरह योग सबका है. योग हिन्दुओं का भी है और मुसलमानों का भी है. योद यहूदियों का भी है और ईसाइयों का भी है. योग तो हमारे जीवन को स्वस्थ और आनंदित करता है. जो सिद्धांत जीवन को आनंदित करे और हमको स्वस्थ रखे, उसे हिन्दू-मुसलमान में कैसे बांटा जा सकता है? मुझे लगता है कि जो लोग योग को सनातन और हिन्दुओं का मानते हैं, उन्हें पता हो कि यह पूरा ब्रह्माण्ड सनातन का है.”
मौलाना बद्रे आलम ने योग पर जताई थी आपत्तिजानकारी के लिए बता दें, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) पर मुस्लिम धर्मगुरु बद्रे आलम ने आपत्ति जताई थी. संभल में चंदौसी की मस्जिद के मौलाना बद्रे आलम ने योग को लेकर सवाल उठाए थे और कहा था कि सरकार इसे मदरसों और मस्जिदों पर जबरन न थोपे. इतना ही नहीं, उन्होंने सूर्य नमस्कार को लेकर भी आपत्ति जताई थी.