केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार (13 जुलाई, 2025) को कहा कि अगर सिस्टम में अनुशासन चाहिए तो सरकार के खिलाफ अदालत का सहारा लेना जरूरी है. नागपुर में ‘प्रकाश देशपांडे स्मृति कुशल संघटक पुरस्कार’ समारोह को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि कई बार अदालत का आदेश वो काम करवा देता है, जो सरकार खुद नहीं करवा पाती.
नितिन गडकरी ने कही ये बड़ी बात
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कहा, “समाज में कुछ लोगों को सरकार के खिलाफ अदालत में याचिकाएं दाखिल करनी चाहिए. इससे नेताओं और सिस्टम में अनुशासन आता है, क्योंकि कई बार मंत्री भी वो काम नहीं कर पाते, जो कोर्ट का आदेश करवा देता है. लोकप्रिय राजनीति आड़े आ जाती है.”
नितिन गडकरी का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब देश में अक्सर यह बहस होती है कि आम नागरिकों को अपने अधिकारों के लिए न्यायपालिका का सहारा लेना पड़ता है. गडकरी का यह बयान सत्ता में रहते हुए सिस्टम की खामियों को स्वीकार करने और कोर्ट की ताकत को मान्यता देने के रूप में देखा जा रहा है.
“समाज में जागरूक और जुझारू लोगों की मौजूदगी जरूरी”
गडकरी ने इस मौके पर ‘कुशल संघटक’ के रूप में सम्मानित लोगों की सराहना करते हुए कहा कि इन लोगों ने सरकार के खिलाफ कई कानूनी लड़ाइयां लड़ीं और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि समाज में ऐसे जागरूक और जुझारू लोगों की मौजूदगी जरूरी है जो सिस्टम की गलतियों को उजागर करें और जनता के हित में कदम उठाएं.
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि ये लोग सिर्फ विरोध करने के लिए नहीं, बल्कि जनहित में काम कर रहे थे. उन्होंने कहा “इन लोगों ने अदालत के माध्यम से सरकार की जवाबदेही तय की और साबित किया कि लोकतंत्र में जागरूक नागरिकों की कितनी अहम भूमिका होती है.”
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