शुभेंदु शुक्ला | अमृतसर ऑनलाइन रजिस्ट्री का प्रारूप फाइनल किया जा चुका है। जो 15 जून से जिले स्तर पर लागू हो जाएगा। जिसके बाद पार्टियां किसी भी तहसील में अपने दस्तावेज तस्दीक करा सकेंगी। खास बात यह है कि रजिस्ट्री की ऑनलाइन कॉपी के लिए तहसीलों के चक्कर नहीं काटने होंगे। एक घंटे में ही सब-रजिस्ट्रार दफ्तर से ओरिजनल कॉपी मिल जाएगी। भुगतान के लिए लोगों को बैंकों के चक्कर भी नहीं लगाने होंगे। तहसील में ही एक काउंटर खोला जाएगा, जहां कार्ड के जरिए डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे। पहले इंतकाल-स्टांप और रजिस्ट्री फीस के लिए अलग-अलग भुगतान करना होता था। ऑनलाइन रजिस्ट्री नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एनजीडीआरस) की पोर्टल पर ही होगी। इसमें 5 कॉलम अलग से ऐड कर दिया गया है। इसमें नॉर्मल डीड-माय डीड-प्री स्क्रूटनी-एनीवेयर डिस्ट्रिक-वाट्सप मैसेज फिर डिजिटल पेमेंट शामिल है। नॉर्मल डीडी की सुविधा इसलिए दी गई है, ताकि पहले से जिन लोगों ने डीड लिखवा ली, उन्हें मुश्किलें नहीं आए। माय डीड नए फॉर्मेट पर भरकर अपलोड करानी होगी। इसमें खरीदने और बेचने वाली पार्टी के लिए अलग-अलग डिटेल भरने की सुविधा है, जबकि प्री स्क्रूटनी में 48 घंटे में सब-रजिस्ट्रार को वेबसाइट पर अपलोड कच्ची रजिस्ट्री को चेक कर अप्रूव करना होगा। यदि कोई त्रुटि मिली तो ऑब्जेक्शन लगाएंगे। असिस्टेंट सिस्टम मैनेजर (एएसएम) तहसील-2 मनु जैन व तहसील वन से जसविंदर सिंह एडवोकेट-डीड राइटर-रिटायर्ड पटवारी कानून को नए ऑनलाइन रजिस्ट्री अप्वाइंटमेंट से लेकर दस्तावेज तस्दीक कराने और डिजिटल पेमेंट की ट्रेनिंग दे चुके हैं। यदि किसी को कोई मुश्किलें आ रही हो तो दोबारा से संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं। सरकार ने इस नए ऑनलाइन रजिस्ट्री को इजी रजिस्ट्री जीरो डिले-जीरो करप्शन का नाम दिया है। वहीं रजिस्ट्री के बाद इंतकाल दर्ज कराने के लिए 30 दिनों वाला नियम रहेगा। जिसमें पटवारी 10 दिन तो कानूनगो 5 दिन और तहसीलदार 15 दिन का समय लगाते हैं। रजिस्ट्री होने के बाद इंतकाल वाले सॉफ्टवेयर में डॉक्यूमेंट अपलोड करा दिया जाएगा। ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा की वजह यह है कि स्टेट लेवल पर शुरू कराया गया तो किसी प्रॉपर्टी में कोर्ट से स्टे लगा है तो इनका रिकॉर्ड मंगवाने में मुश्किलें आएंगी। इसके अलावा गलती से रजिस्ट्री हो गई तो कोर्ट केस बढ़ने लगेंगे। स्टेट लेवल पर यह सुविधा शुरू कराने के लिए अंदरखाते रेवेन्यू विभाग के उच्च अफसर प्लानिंग कर रहे हैं। 48 घंटे पहले जो कच्ची रजिस्ट्री ऑनलाइन अपलोड की जाएगी उसमें स्टांप व दूसरे सरकारी फीस नहीं जमा कराने होंगे। सब-रजिस्ट्रार से अप्रूवल के बाद डॉक्यूमेंट कंपलीट करके अपलोड करा देना होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया में खरीदने-बेचने वाली पार्टियों की मर्जी होगी कि वह किस तहसील में दस्तावेज तस्दीक कराने के लिए अपनी फोटो करवाएंगे। यदि जंडियाला में रह रहे शख्स की प्रॉपर्टी अटारी में है, तो डीड लिखवाने के लिए अटारी जाने की जरूरत नहीं होगी। किसी भी तहसील में लिखवाकर ऑनलाइन अपलोड कर देंगे। 48 घंटे में ही दोनों तहसीलों के सब-रजिस्ट्रार से अप्रूवल मिल जाएंगे। पार्टी खुद तय करेंगी कि जंडियाला में फोटो करवाना है या अटारी में। कच्ची रजिस्ट्री अप्रूवल के बार क्यूआरकोड जनरेट होगा। जिससे पता लगेगा कि सब-रजिस्ट्रार दफ्तर में रजिस्ट्री हुई है।
ऑनलाइन रजिस्ट्री: पेमेंट काउंटर खुलेगा, 1 घंटे में मिलेगी ओरिजनल कॉपी
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