ऑपरेशन सिंदूर के बाद से चल रही तनातनी के बीच, भारत और पाकिस्तान की नौसेनाओं ने अरब सागर में फायरिंग ड्रिल को लेकर नोटिस जारी किया है. खास बात है कि सोमवार (11 अगस्त, 2025) को होने वाली दोनों देशों की फायरिंग में महज 60 नॉटिकल मील की दूरी है. ऐसे में पूरी दुनिया की निगाहें भारत और पाकिस्तान की मैरीटाइम बाउंड्री (अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा) पर लग गई है.
जानकारी के मुताबिक, भारतीय नौसेना ने 11 अगस्त (सोमवार) के लिए जंगी जहाज से होने वाली फायरिंग ड्रिल को लेकर उत्तरी अरब सागर में चेतावनी जारी की है. भारतीय नौसेना का ये युद्धाभ्यास, सोमवार सुबह 11.30 से दोपहर 1.30 बजे तक चलेगा. नौसेना की तरफ से हालांकि, इस ड्रिल को लेकर ये जानकारी नहीं दी गई है कि किस जंगी जहाज से फायरिंग की जाएगी. ये भी नहीं बताया गया है कि किस मिसाइल को दागने का अभ्यास किया जाएगा.
फायरिंग ड्रिल के दौरान हो इस्तेमाल
नौसेना ने ये नोटिस, इस क्षेत्र से गुजरने वाले कार्गो जहाज और ऑयल टैंकर से लेकर दूसरे देशों की नौसेनाओं के युद्धपोत को लेकर जारी की गई है, ताकि फायरिंग ड्रिल के दौरान इस समुद्री-क्षेत्र का इस्तेमाल नौवाहन के लिए न किया जाए.
दूसरी तरफ पाकिस्तानी नौसेना ने फायरिंग ड्रिल को लेकर अपनी समुद्री-सीमा में दो दिवसीय (11-12 अगस्त) चेतावनी जारी की है. ये ड्रिल, सोमवार सुबह 4 बजे से मंगलवार दोपहर 3 बजे तक चलेगी. पाकिस्तानी नौसेना ने भी ड्रिल में इस्तेमाल होने वाली मिसाइल इत्यादि का खुलासा नहीं किया है.
पूरी दुनिया की निगाहें टिकी
पहलगाम हमले (22 अप्रैल) के बाद से ही भारत और पाकिस्तान की नौसेनाएं अपने-अपने समुद्री सीमाओं में कई बार युद्धाभ्यास कर चुकी हैं, लेकिन ये पहला ऐसा मौका है जब एक ही दिन एक ही समय पर दोनों दी नौसेनाएं युद्धाभ्यास करने जा रही हैं. दोनों देशों की फायरिंग ड्रिल के बीच बेहद कम दूरी (60 नॉटिकल मील) है, ऐसे में पूरी दुनिया की निगाहें इस पर आकर टिक गई हैं.
ऑपरेशन सिंदूर (7-10 मई) के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सार्वजनिक तौर से पाकिस्तान की घेराबंदी करने को लेकर भारतीय नौसेना की प्रशंसा की थी. भारतीय नौसेना की घेराबंदी से घबराई पाकिस्तान की नौसेना ने मदद के लिए तुर्की के जंगी जहाज को कराची बंदरगाह बुलाया था. राजनाथ सिंह ने सार्वजनिक तौर से ऐलान किया है कि अगली बार पाकिस्तान ने पहलगाम नरसंहार जैसा दुस्साहस किया तो सर्जिकल स्ट्राइक की जिम्मेदारी भारतीय नौसेना की होगी.
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार आमने-सामने भारत-पाकिस्तान की नौसेनाएं, ड्रिल पर रहेगी दुनिया की नजर
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