BrahMos supersonic cruise missile system: भारत का ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम एक बार फिर चर्चा में आ गया है. हाल ही में अजरबैजान दौरे पर पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल किया था. इसके इस्तेमाल से वहां बड़े पैमाने पर तबाही मची.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन का एयर डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान में आने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों को रोकने में नाकाम साबित हुआ. भारत के मिसाइल सिस्टम का मुकाबला करने में विफल रहने पर चीनी एयर डिफेंस की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
हालांकि, ये पहली बार नहीं था जब ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था. इससे पहले 2022 में सीमा पार से अचानक हुई फायरिंग के दौरान भी ब्रह्मोस की पहुंच और क्षमता का संकेत दे दिया गया था. भारत अब ब्रह्मोस ब्रह्मांड का विस्तार करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है.
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम को लेकर भारत की 5 बड़ी तैयारियां
1. 800 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल के विस्तारित-रेंज वर्जन का तेजी से प्रोडक्शन हो रहा है.
2. पनडुब्बी से प्रक्षेपित वर्जन का जल्द ही फिर से परीक्षण किया जाएगा और भारत के P75I कार्यक्रम के तहत पनडुब्बियों को लेकर एक वास्तविकता बन जाएगी.
3. राफेल और इसी तरह के अन्य फाइटर जेट के लिए एक हल्का ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम विकसित किया जा रहा है.
4. इसके अलावा हाइपरसोनिक ब्रह्मोस पर भी काम चल रहा है, जो स्पीड और बचे रहने की क्षमता को अगले स्तर पर ले जाएगी.
5. भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को फिलीपींस को भी एक्सपोर्ट किया है. इसके अलावा वियतनाम और मिडिल ईस्ट के कई देशों सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने भी कथित तौर पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम को खरीदने की इच्छा जताई है.
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