ऑपरेशन सिंदूर पर नहीं होगा संसद का स्पेशल सेशन, मानसून सत्र में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की तैयारी

by Carbonmedia
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Parliament Session on Operation Sindoor: विपक्ष एक सुर में मांग कर रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि संसद का विशेष सत्र बुलाने का कोई इरादा नहीं है. सरकार ने इसके साथ ही संसद के मानसून सत्र की तारीख़ का भी ऐलान कर दिया है. संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक होगा. 


इस सत्र के दौरान जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की तरफ से महाभियोग प्रस्ताव लाने की भी पूरी तैयारी कर ली गई है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के सत्र के दौरान विपक्ष चाहे तो वह नियमों के हिसाब से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर सकता है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र नहीं बुलाया जाएगा. लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला और राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनकड़ तय करेंगे कि नियमों के हिसाब से चर्चा करवानी है तो कैसे और कितने वक्त के लिए.


महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए सरकार ने कसी कमर 


रिजिजू ने कहा कि इस दौरान सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर महाभियोग प्रस्ताव लाने की भी पूरी तैयारी कर चुकी है. रिजिजू के मुताबिक इस मामले में तमाम विपक्षी राजनीतिक दलों से भी संपर्क साधा गया है. नियमों के हिसाब से महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा में 100 सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है तो राज्यसभा में 50 सदस्यों के हस्ताक्षर के साथ महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है. वहीं इस महाभियोग प्रस्ताव को पारित करने के लिए दोनों ही सदनों में कम से कम दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है


जस्टिस वर्मा को भी अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा यह जज और न्यायपालिका के भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है और यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और सरकार यह संदेश नहीं देना चाहती कि वह इस मुद्दे पर अकेले आगे बढ़ रही है. इसी वजह से तमाम विपक्षी राजनीतिक दलों को भी इस मुद्दे पर साथ लाने की कोशिश की जा रही है.


नियमों के हिसाब से जब लोकसभा और राज्यसभा में जस्टिस शर्मा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया जाएगा तो उस दौरान जस्टिस वर्मा को भी सदन में आकर अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा और उसके बाद ही महाभियोग की कार्रवाई आगे बढ़ेगी.


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