ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के लिए मुकदमे का सामना कर रहे असिस्टेंट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की अंतरिम जमानत फिलहाल जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) से जांच को खान के सोशल मीडिया पोस्ट तक सीमित रखने को कहा है. कोर्ट ने जुलाई के तीसरे सप्ताह में सुनवाई की बात कही है.
जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि एसआईटी जांच रिपोर्ट तैयार होने के बाद उसे पहले सुप्रीम कोर्ट को दिखाए. अशोका यूनिवर्सिटी एसोसिएट प्रोफेसर अली खान के लिए पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अनुरोध किया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट करने पर लगाई गई पाबंदी को सुप्रीम कोर्ट हटा लें, लेकिन जजों ने कहा कि वह अभी इस मांग पर विचार नहीं करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि याचिकाकर्ता अभी पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पोस्ट नहीं कर सकता. बाकी बातों पर लिखने के लिए कोर्ट की तरफ से कोई रोक नहीं लगाई गई है. सिब्बल ने इस बात की आशंका जताई कि पुलिस जांच में दूसरी बातों को भी शामिल कर सकती है. इस पर कोर्ट ने साफ किया कि एसआईटी अपनी जांच खान के 2 विवादित पोस्ट तक सीमित रखे.
अली खान महमूदाबाद को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विवादित मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. 21 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी. कोर्ट ने हरियाणा के डीजीपी को एक महिला अधिकारी समेत तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी को जांच सौंपने के लिए कहा. बुधवार, 28 मई को हुई सुनवाई में हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया कि एसआईटी का गठन हो चुका है. इसकी अध्यक्षता आईजी ममता सिंह कर रही हैं, गंगा राम पुनिया और विक्रांत भूषण इसके सदस्य हैं.