‘ऑपरेशन सिंदूर में शामिल रह चुका हूं’, दहेज के लिए पत्नी की हत्या करने वाले ब्लैक कैट कमांडो ने SC में लगाई गुहार

by Carbonmedia
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SC on Black Cat Commando Case: 20 साल पहले अपनी पत्नी की हत्या करने वाले कमांडो ने सुप्रीम कोर्ट से जेल न भेजने की गुहार लगाई, लेकिन जजों ने उसके अनुरोध को ठुकरा दिया. जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि किसी का ब्लैक कैट कमांडो होना या किसी सामरिक अभियान में हिस्सा लेना उसके अपराध की गंभीरता को कम नहीं कर सकता है. कानून सबके लिए एक समान है.
कमांडो ने 2004 में दहेज के लिए की थी पत्नी की हत्या
याचिकाकर्ता बलजिंदर सिंह को अमृतसर की सेशंस कोर्ट ने 2004 में आईपीसी की धारा 304-B के तहत अपनी पत्नी की दहेज हत्या के लिए दोषी ठहराया था. उसने 3 साल जेल में बिताए. बाद में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने उसकी अपील के लंबित रहते उसकी सजा को स्थगित कर दिया. इस साल मई में हाई कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी. इसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
सुप्रीम कोर्ट ने कमांडो की सजा स्थगित करने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट में बलजिंदर के वकील की मांग थी कि उसे तब तक जेल न भेजा जाए जब तक उसकी अपील पर फैसला नहीं हो जाता है, लेकिन जजों ने इससे मना कर दिया. उन्होंने कहा कि यह कोई 3 महीने या 6 महीने की सजा नहीं है, जिसे अभी निलंबित रखा जाए. याचिकाकर्ता को 10 साल की सजा मिली है.
याचिकाकर्ता के वकील ने मामले की गवाहों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्षदर्शी गवाह होने का दावा करने वाले लोग मृतका के करीबी रिश्तेदार थे. उन्होंने याचिकाकर्ता के परिवार के दूसरे सदस्यों पर भी हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. लेकिन वह बरी हो चुके हैं. इस पर जजों ने कहा कि मामले में नोटिस जारी किया जा रहा है. वह यह दलीलें सुनवाई के दौरान रखें.
सुप्रीम कोर्ट ने बलजिंदर को समर्पण के लिए दी 2 हफ्ते की मोहलत
सुनवाई के अंत में वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ब्लैक कैट कमांडो रहा है, उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी भूमिका निभाई है. उसे फिलहाल बाहर रहने दिया जाए, लेकिन जज इस दलील से सहमत नहीं हुए. उन्होंने कहा कि देश की सेवा करने के चलते घर पर अपराध करने की अनुमति नहीं मिल जाती है. याचिकाकर्ता का कमांडो होना दिखाता है कि वह शारीरिक रूप से इतना मजबूत रहा होगा कि अकेले ही गला दबाकर हत्या कर सकता था. इसके बाद वकील के अनुरोध पर कोर्ट ने बलजिंदर को समर्पण करने के लिए 2 सप्ताह का समय दे दिया.

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