India-Pakistan Ceasefire: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में लॉन्च किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर 2 बड़े खुलासे हुए हैं. इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान और पीओके के भीतर 9 आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया गया. इसके बाद बौखलाई असीम मुनीर की सेना ने भारत के आम नागरिकों को और मिलिट्री बेस को निशाना बनाने की कोशिश की जो नाकाम रही. 10 मई तक चले इसे संघर्ष में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा और उसे सीजफायर करना पड़ा.
इस सीजफायर को लेकर कई सवाल भी खड़े हुए. हालांकि अब इसको लेकर नया खुलासा हुआ है. इंडिया टुडे ने टॉप के सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारतीय सेना के हमलों से घबराए पाकिस्तान ने एक बार नहीं बल्कि दो बार सीजफायर के लिए भारत फोन लगाया था. इसमें पहला फोन तो 7 मई को ही किया गया था जब 9 आतंकी ठिकाने तबाह किए गए. पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) की ओर से भारत से संपर्क किया गया.
पाकिस्तान की ईमानदारी पर शक
रिपोर्ट में बताया गया कि इस बातचीत की जानकारी रखने वालों का कहना है कि पाकिस्तान की ईमानदारी संदिग्ध है क्योंकि एक तरफ वो शांति की अपील कर रहा था तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना भी बना रहा था. हालांकि, दोनों देशों की ओर से तीन दिन तक सीमा पार से जारी सैन्य कार्रवाई के बाद 10 मई को दोपहर 3:35 बजे डीजीएमओ स्तर की बातचीत हुई. इसके बाद भारत और पाकिस्तान ने युद्ध विराम सहमित बनी.
सीजफायर से अमेरिका का कोई लेना देना नहीं
यह सीजफायर मिलिट्री कम्युनिकेशन चैनलों के जरिए संभव हुआ, न कि अमेरिकी मध्यस्थता की वजह से. इसका उद्देश्य दो शक्तियों के बीच तनाव को कम करना था. इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी कहा था कि सीजफायर का प्रस्ताव तब रखा गया था जब पाकिस्तान के डीजीएमओ ने अपने भारतीय समकक्ष से बातचीत का निवेदन किया था.
ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए लोगों का आंकड़ा 160
इस बीच पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में मरने वालों की संख्या पाकिस्तान में लगातार बढ़ रही है. सूत्रों ने बताया कि भारत के सटीक हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें आतंकवादी, उनके सहयोगी और पाकिस्तानी सैन्यकर्मी शामिल हैं.
इनमें आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ बहावलपुर के 20 से ज्यादा लोग शामिल हैं. बहावलपुर में मारे गए लोगों में से कई जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं. पाकिस्तानी सेना को भी काफी नुकसान हुआ है, अनुमान है कि 35 से 40 सैन्यकर्मी मारे गए हैं. हालांकि, पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर केवल 11 फौजियों की मौत और 78 के घायल होने की बात स्वीकार की है.
10 मई को जवाबी हवाई और मिसाइल हमलों के दौरान कई पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर भारी नुकसान हुआ. लाहौर एयरपोर्ट पर हमले में 2 की मौत, सरगोधा हमले में 2 की मौत, 7 घायल, रहीमयार खान हमले में 5 घायल, बहावलपुर हमले में 2 की मौत, 8 घायल, सियालकोट में 11 की मौत और रावलपिंडी में 4 की मौत हुई.
ये भी पढ़ें: पहलगाम हमले में बाल-बाल बची सिंगापुर की महिला, पीएम मोदी को भेजा इमोशनल मैसेज- ‘कोई और ऐसा नहीं…'