ओवल टेस्ट को यादगार बनाने वाले 12 मोमेंट्स:294 ओवर के खेल तक पता नहीं था जीत किसे मिलेगी, गुजरिए मुकाबले के उतार-चढ़ाव से

by Carbonmedia
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भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने जिस गेंद पर गस एटकिंसन को बोल्ड कर ओवल टेस्ट में भारत को जीत दिलाई वह इस मैच के 295वें ओवर की पहली गेंद थी। यह मुकाबला इतना रोमांचक और हमेशा के लिए यादगार इसलिए बन गया, क्योंकि इस गेंद से पहले हुए 294 ओवर के खेल में यह तय नहीं हो पा रहा था कि मैच का नतीजा किसके पक्ष में जाएगा। मुकाबला भारत भी जीत सकता था और इंग्लैंड भी। यह भी संभव था कि यह क्रिकेट इतिहास में अब तक का सिर्फ तीसरा टाई मैच हो जाए। मुकाबले में 12 मोमेंट ऐसे रहे, जिससे मैच का पलड़ा कभी भारत के पक्ष में झुका तो कभी इंग्लैंड के पक्ष में। इन सभी 12 नाटकीय घटनाओं से एक-एक कर गुजरते हैं। द ओवल टेस्ट के 12 टर्निंग पॉइंट्स… 1. भारत का टॉस हारकर सस्ते में ऑलआउट हो जाना; करुण नायर की फाइटिंग हाफ सेंचुरी
गुरुवार को लंदन के द ओवल में भारत की शुरुआत ही खराब किस्मत से हुई। टीम ने सीरीज में लगातार पांचवां और इंटरनेशनल क्रिकेट में लगातार 15वां टॉस गंवा दिया। ओवल की स्विंगिंग पिच पर भारत को बैटिंग करने उतरना पड़ा, टीम ने 123 रन पर ही 5 विकेट गंवा दिए। नंबर-5 पर बैटिंग करने उतरे करुण नायर ने फिर पारी संभाली और टीम को 200 रन के पार पहुंचा दिया। हालांकि, उनके आउट होते ही टीम 224 रन पर ऑलआउट हो गई। पूरी एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में यह पहली पारी में किसी भी टीम का सबसे छोटा स्कोर रहा। इससे पहले 358 रन सबसे छोटा स्कोर था। 2. डकेट-क्रॉली की तेज पार्टनरशिप, लगा भारत मैच में बहुत पीछे हो जाएगा
पहली पारी में भारत को कम स्कोर पर समेटने के बाद इंग्लैंड ने तेज शुरुआत की। बेन डकेट और जैक क्रॉली ने 13वें ओवर में ही टीम का स्कोर 90 के पार पहुंचा दिया। डकेट के विकेट के बाद भी क्रॉली ने तेजी से बैटिंग की और फिफ्टी लगा दी। 128 रन तक इंग्लैंड ने 1 ही विकेट गंवाया था, यहां लग रहा था इंग्लैंड मैच में पूरी तरह हावी हो जाएगा। 3. पेसर्स ने इंग्लैंड को बड़ी लीड लेने से रोका
प्रसिद्ध कृष्णा ने पहली पारी में क्रॉली को कैच कराया और भारत को ब्रेकथ्रू दिलाया। 215 रन तक भी इंग्लैंड के 5 ही विकेट गिरे थे। हैरी ब्रूक एक एंड से तेज बैटिंग कर रहे थे। यहां मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध ने टीम का कमबैक कराया। दोनों ने मिलकर अगले 33 रन के अंदर 5 विकेट लिए और इंग्लैंड को 247 रन पर ही समेट दिया। सिराज-प्रसिद्ध की बेहतरीन बॉलिंग से इंग्लैंड महज 23 रन की बढ़त ले सका। 4. जायसवाल की सेंचुरी और नाइट वॉचमैन आकाशदीप की फिफ्टी
दूसरी पारी में भारत ने संभालकर शुरुआत की, लेकिन मुकाबले के दूसरे दिन केएल राहुल और साई सुदर्शन आउट हो गए। 70 रन पर टीम ने 2 विकेट गंवा दिए, यहां गेंदबाज आकाशदीप नाइट वॉचमैन बनकर बैटिंग करने उतरे। मुकाबले के तीसरे दिन पिच बैटिंग के लिए मददगार हो गई। तीसरे दिन यशस्वी ने संभलकर बैटिंग की, आकाशदीप भी टिक गए। उन्होंने खुलकर शॉट्स खेले और अपने करियर की पहली हाफ सेंचुरी लगा दी। उनके सामने यशस्वी ने भी फिफ्टी लगा दी। दोनों ने टीम को 150 के पार पहुंचाया और सेंचुरी पार्टनरशिप कर ली। 5. भारत का दूसरी पारी में मिनी कोलैप्स
पहली पारी में इंग्लैंड को बड़ी लीड से रोकने के बाद भारत ने अपनी दूसरी पारी में दो विकेट पर 177 रन बना लिए थे। नाइटवॉचमैन आकाशदीप ने हाफ सेंचुरी बना दी थी और ओपनर यशस्वी जायसवाल सेंचुरी की ओर बढ़ रहे थे। यहां आकाशदीप 66 रन के स्कोर पर जैमी ओवर्टन को विकेट दे बैठे। अगले 12 ओवर में भारत ने तीन विकेट और गंवा दिए और स्कोर 229 रन पर पांच विकेट हो गया। तब भारत की लीड सिर्फ 206 रन की थी। टीम इंडिया के इस मिनी कोलैप्स ने इंग्लैंड की मैच में वापसी करा दी थी। 6. जडेजा-सुंदर ने भारत की लीड को बढ़ाया
यशस्वी जायसवाल ने शतक जरूर बनाया, लेकिन जब वे 118 रन बनाकर आउट हुए तब भी भारत की लीड सिर्फ 250 रन की ही थी। पिच बैटिंग के लिए अच्छी होती जा रही थी और 300 के आसपास का टारगेट इंग्लिश टीम के लिए काफी आसान होता। ध्रुव जुरेल अच्छा खेल रहे थे, लेकिन वे भी 34 रन बनाकर आउट हो गए। 6 विकेट के बाद रवींद्र जडेजा और फिर वॉशिंगटन सुंदर ने हाफ सेंचुरी जमाकर भारत की बढ़त को मुकाबले लायक बना दिया। जडेजा ने 77 गेंदों पर 5 चौके की मदद से 53 रन बनाए। वहीं, सुंदर ने 46 गेंदों पर 4 चौके और इतने ही छक्के के दम पर 53 रन बना दिए। सुंदर ने प्रसिद्ध कृष्णा के साथ आखिर विकेट के लिए 39 रन जोड़े। यही रन आखिर में भारत के लिए निर्णायक साबित हुए। 7. रूट और ब्रूक की पार्टनरशिप ने इंग्लैंड को हावी बनाया
तीसरे ही दिन इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी शुरू कर दी। टीम ने तेजी से 50 रन बना भी लिए, लेकिन दिन के आखिरी ओवर में जैक क्रॉली आउट हो गए। चौथे दिन 106 रन पर 3 विकेट हो गए। यहां जो रूट और हैरी ब्रूक ने पारी संभाल ली। दोनों ने मिलकर टीम को 300 के पार पहुंचा दिया। ब्रूक और रूट दोनों ने ही शतक लगाए और भारत को मैच से लगभग बाहर कर दिया। 8. ब्रूक का खराब शॉट और मोमेंटम भारत के पास पहंचा
300 रन तक इंग्लैंड के 3 ही विकेट गिरे थे। ब्रूक यहां आकाशदीप के एक ओवर में 2 बाउंड्री लगा चुके थे, इसके बावजूद बड़ा शॉट खेलने गए और कैच आउट हो गए। इस विकेट के साथ भारत ने मैच में वापसी की कोशिश की। हालांकि, रूट और जैकब बेथेल ने अगले 7 ओवर तक टीम का विकेट नहीं गिरने दिया। 71वें ओवर में फिर जैकब बेथेल आगे निकलकर बड़ा शॉट खेलने गए और बोल्ड हो गए। यहीं से मोमेंटम भारत के पक्ष में आ गया। 2 ओवर बाद सेंचुरी लगा चुके जो रूट भी कॉट बिहाइंड हो गए। 337 रन पर टीम के 6 विकेट गिरे और मोमेंटम पूरी तरह से भारत के हक में आ गया। 9. चार दिन में मैच खत्म होना बारिश को नामंजूर
इस सीरीज के पहले चार मुकाबले पूरे पांच-पांच दिन तक चले थे। यह मैच चार दिन में ही खत्म होने वाला था। एक दिन में 90 ओवर होते हैं लेकिन चौथे दिन के खेल में सिर्फ 62.3 ओवर का ही खेल हो सका और यह टेस्ट भी पांचवें दिन में चला गया। बारिश और खराब रोशनी के कारण चौथे दिन निर्धारित समय से एक घंटा पहले ही खेल रोक देना पड़ा था। 10. इंग्लैंड को 35 रन चाहिए थे और पहली दो गेंदों पर लगे दो चौके
पांचवें दिन की शुरुआत में इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन और भारत को 4 विकेट की जरूरत थी। दिन का पहला ओवर प्रसिद्ध कृष्णा फेंकने आए और ओवर्टन ने कृष्णा की पहली दो गेंदों पर दो चौके जमा दिए। अब इंग्लैंड को सिर्फ 27 रन की जरूरत रह गई थी। 11. फिर चला मियां मैजिक और भारत जीत के करीब आया
कृष्णा की गेंदों पर दो चौके की भरपाई अगले ओवर में मोहम्मद सिराज ने कर दी। उन्होंने दिन के अपने पहले ओवर की तीसरी गेंद पर इंग्लैंड के आखिरी स्पेशलिस्ट बल्लेबाज जैमी स्मिथ को विकेट के पीछे ध्रुव जुरेल के हाथों कैच करा दिया। इस झटके से इंग्लैंड उबर पाता उससे पहले सिराज ने अपने अगले ओवर में ओवर्टन को LBW आउट कर दिया। अंपायर धर्मसेना के आउट देने पर ओवर्टन ने DRS लिया था। लेकिन रिव्यू काम न आया और वे अंपायर्स कॉल पर आउट हुए। कुछ देर बाद प्रसिद्ध कृष्णा ने जोश टंग (0) को आउट कर भारत को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया। 12. एक हाथ से बैटिंग करने उतरे गए क्रिस वोक्स
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स भारत की पहली पारी में फील्डिंग के दौरान अपना कंधा डिसलोकेट करवा बैठे थे। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने यह घोषणा भी कर दी थी कि वोक्स मैच में आगे हिस्सा नहीं लेंगे। लेकिन जब इंग्लैंड का नौवां विकेट गिरा था तब टीम जीत से सिर्फ 17 रन दूर थी, वोक्स ने टूटे हुए हाथ को स्वेटर के अंदर डाला और एक हाथ से बैटिंग करने पहुंच गए। वोक्स अगली 13 गेंदों तक क्रीज पर रहे। एटकिंसन उन्हें स्ट्राइक से बचा रहे थे और खुद तमाम गेंदें खेल कर बड़ी हिट जमाने की कोशिश करने लगे। उन्होंने सिराज की गेंद पर एक छक्का भी जमाया और लगातार दो ओवर में आखिरी गेंद पर एक रन लेकर वोक्स को स्ट्राइक से दूर रखा। अब इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 7 रनों की जरूरत थी। तब पूरे टेस्ट मैच का ओवरऑल 295वां और इंग्लैंड की दूसरी पारी का 86वां ओवर फेंकने फिर मोहम्मद सिराज आए। उन्होंने एटकिंसन को बोल्ड किया और भारत को 6 रनों से ऐतिहासिक जीत दिला दी। यह टेस्ट क्रिकेट में भारत की रनों के लिहाज से सबसे कम अंतर से मिली जीत है। इसके साथ ही भारत की युवा टीम ने इंग्लैंड में सीरीज 2-2 से बराबर कर ली।

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