भास्कर न्यूज | लुधियाना पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता भारत भूषण आशू ने कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा केहैम्पटन स्काई रियल्टी लिमिटेड के एमडी के पद से इस्तीफे की आलोचना की है। उन्होंने कहा िक यह इस्तीफा याचिका में नाम आने के बादघबराहट में अपनी इज्जत बचाने की औपचारिकता की गई है। आशू ने कहा िक तीन साल से ज्यादा समय तक संजीव अरोड़ा भूमिकाएं निभाते रहे। एक रियल एस्टेट व्यवसायी के रूप में, जो सीधे सरकारी फैसलों से लाभ ले रहा था। दूसरा एक जनप्रतिनिधि और अब मंत्री के रूप में। यह इस्तीफा अपनी गलती को स्वीकार करना है। जनहित याचिका में सत्ता के दुरुपयोग और अवैध भूमि रूपांतरण के गंभीर आरोपों के बारे में बताया गया है। अरोड़ा सांसद और मंत्री बनने के बाद भी कंपनी के प्रबंध निदेशक बने रहे। उनकी कंपनियां उन विभागों का लाभ लेती रही हैं। कंपनी ने राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए बनाई गई औद्योगिक भूमि को आवासीय कालोनियों में परिवर्तित कर दिया गया और बाजार मूल्य पर बेच दिया गया। ईडी और सेबी ने पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के लिए उनके और उनकी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की है। यह इस्तीफा उच्च न्यायालय पहुंचने के बाद ही आया है। इस मामले में पंजाब सरकार आंखें मूंदे बैठी रही,उन्होंने मांग की है कि निष्पक्ष जांच पूरी होने तक संजीव अरोड़ा से तुरंत मंत्री पद वापस ले लिया जाए। सरकार बताए कि जनता के विश्वास का इतना बड़ा उल्लंघन कैसे हुआ। मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या अरोड़ा के कार्यों को उनकी मौन स्वीकृति थी या उन्हें अंधेरे में रखा गया था।
कंपनी से इस्तीफा देकर अरोड़ा ने केवल औपचारिकता की है: आशू
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