कंप्यूटर, एआई, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग से रिलेटेड और एआई एथिक्स के बारे सिखाया जाएगा, इंडस्ट्री को होगा फायदा

by Carbonmedia
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अमनदीप सिंह | अमृतसर पंजाब में पहला एथिकल एआई सेंटर जीएनडीयू में खुल गया है। जहां स्टूडेंट्स को सिखाया जाएगा कि एआई को किस तरह से डिजाइन किया जाए कि वह सही और गलत का फर्क समझे। सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील हो। जीएनडीयू ने एआई में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स से 15 जून तक आवेदन मांगे हैं। बता दें कि जीएनडीयू में बीते जनवरी में सीएम मान ने प्रसिद्ध कवि सुरजीत पातर की याद में सेंटर फॉर एथिकल एआई खोलने की घोषणा की थी। जिस पर काम करते हुए जीएनडीयू ने सेंटर खोल दिया हैं। जुलाई से क्लासेज शुरू हो जाएंगी। कोर्सेज में स्टूडेंट्स को मशीनी युग में एआई को अपने कंट्रोल में रखकर उससे काम लेने की शिक्षा दी जाएगी। जिसमें कंप्यूटर, एआई, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग से रिलेटेड और एआई एथिक्स के बारे में छात्रों को सिखाया जाएगा। जीएनडीयू के पास 350 हाई एंड कंप्यूटर्स मशीनें पड़ी हुई है। एआई की एप्लिकेशन कैसे बिल्डअप करनी है, इसके बाद एआई की ऐप में जो डाटा एक्सट्रेक्ट होता है वह डाटा एक्चुअल में है या नहीं उस पर प्रेक्टिस करवाई जाएगी। साथ में रिसर्च करवाई जाएगी। बीटेक 4 साल का कोर्स रहेगा, जिसमें 63 सीटें रखी गई है। एमटेक 2 साल का कोर्स होगा जिसमें 20 सीटें रखी गई है। प्रो. डॉ. संदीप शर्मा ने कहा कि जीएनडीयू ने एआई की डिमांड को देखते हुए इंडस्ट्री से मैचिंग करके बीटेक प्रोग्राम डिजाइन किया है। वहीं एमटेक में छात्र रिसर्च करेगा, छात्र डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटे​िलजेंस के साथ रिसर्च भी करेगा। इसमें खास यह है कि बीटेक में एडमिशन जेई मेन्स (ऑल इंडिया रेंक) के बिहाव पर होगी। एडमिशन होने का बाद पहला साल कंप्यूटर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के साथ कोलेबोरेशन में चलाया जाएगा। जिस मशीन पर जीएनडीयू ने रिसर्च करनी है उसके सारे सर्वर 20 करोड़ से ऊपर आने हैं, जिसका प्रपोजल सरकार को दे दी गई है। जल्द पीएचडी प्रोग्राम भी शुरू किए जाएंगे। जीएनडीयू के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. करमजीत सिंह ने कहा कि कवि सुरजीत पातर की यादगार में एथिकल एआई सेंटर खोला गया है, जिसमें एडमिशन शुरू हो चुकी है। मौजूदा हालातों में एआई की इनवालवमेंट से इंडस्ट्री में लोगों को कम किया जा रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो लोग इंडस्ट्री से बाहर हो जाएंगे और एआई हावी हो जाएगा। आने वाले समय में जैसे एआई की डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में इंडस्ट्री एआई के इंजीनियर ही हायर करेगी, जिसका इंडस्ट्री के साथ पंजाब को काफी फायदा होगा।

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