कंवरलाल मीणा की सदस्यता पर होने के बाद से कांग्रेस हमलावर, BJP बोली- ‘अपनी कमियां भूल जाते हैं’

by Carbonmedia
()

Jalore News: राजस्थान विधानसभा में BJP विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं द्वारा उठाए जा रहे सवालों और बयानों पर अब भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है.


राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक और जालौर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की आदत रही है कि जब वह दूसरों पर आरोप लगाती है, तब अपनी कमियों को नजर अंदाज कर देती है.


जोगेश्वर गर्ग ने BSP विधायकों के विलय पर उठाए सवाल
जोगेश्वर गर्ग ने अपने बयान में कांग्रेस को घेरते हुए कहा, “पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल में BSP के 6 विधायकों का जो विलय हुआ था, वह पूरी तरह गैरकानूनी तरीके से किया गया. इसके बावजूद कांग्रेस ने इसे कोर्ट-कचहरी में उलझाकर वर्षों तक लंबित रखा. तारीख पर तारीख लेते रहे, लेकिन विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक कोई निर्णय नहीं होने दिया. अब वही लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं, यह तो वही बात हुई- ‘सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’. यह कांग्रेस की पुरानी फितरत है.”


इस्तीफों पर विधानसभा परंपरा का हवाला
कांग्रेस द्वारा विधायकों के इस्तीफों को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए गर्ग ने कहा, “नियम स्पष्ट है कि कोई विधायक जब स्पीकर को व्यक्तिगत रूप से इस्तीफा सौंपता है, तभी वह वैध माना जाता है. डाक या अन्य किसी माध्यम से भेजे गए इस्तीफे स्वीकार नहीं होते. लेकिन कांग्रेस के करीब 90 विधायकों ने अपने हाथों से तत्कालीन स्पीकर को इस्तीफा सौंपा, फिर भी वर्षों तक कोई निर्णय नहीं लिया गया, जबकि उस पर तत्काल निर्णय होना चाहिए था.”


उन्होंने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, “आज वही लोग बीजेपी की कानूनी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं, जो खुद अतीत में संवैधानिक प्रावधानों को नजरअंदाज कर चुके हैं.”


विधानसभा अध्यक्ष और राहुल गांधी पर प्रतिक्रिया
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की गई कार्रवाई का समर्थन करते हुए गर्ग ने कहा, “अध्यक्ष ने जो निर्णय लिया है, वह पूरी तरह विधिसम्मत, नियमानुसार और उचित समय पर लिया गया निर्णय है. बीजेपी सरकार इस मामले को लेकर शुरू से ही गंभीर रही है.”


राहुल गांधी के उदाहरण पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “संसद और विधानसभा के कानून एक जैसे हो सकते हैं, लेकिन उनकी परंपराएं अलग होती हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्थान विधानसभा की परंपरा का सम्मान करते हुए यह निर्णय लिया है, और यह पूरी तरह सही है.”

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment