मथुरा के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य एक फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में है. कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने हाल ही में अपने बयान में कहा था कि, “अगर शादी से पहले लड़का और लड़की ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं तो बच्चा स्वस्थ होता है. बच्चे को किसी तरह की बीमारी नहीं होती है.” अब अनिरुद्धाचार्य के इस बयान पर संतों ने कड़ी आपत्ति जताई है.
अनिरुद्धाचार्य के बयान पर अग्नि अखाड़ के थानापति डॉक्टर योग गुरु साधनानंद महाराज का कहना है, “जो भी साधु संत या महात्मा हैं, उन्हें अपनी मर्यादा और शास्त्रों का ध्यान रखकर ही चलना चाहिए.” उन्होंने आगे कहा कि,आचार्य हो या कोई कथा वाचक अपना स्वतंत्र विचार रख सकते हैं, उसके विचार से समाज नहीं चलता है.”
‘धर्म शासन के संरक्षण और आरक्षण में चलता है’
योग गुरु साधनानंद महाराज ने कहा, “समाज शास्त्र के आदेश अनुसार चलता है, हमारे कानून के अनुसार चलता है. हमारी जो धार्मिक परंपरा है वह धर्मशास्त्र के अनुरूप चलती है, धर्म के अनुशासन जो है धर्मशासन के अनुरूप चलता है. धर्म शासन के संरक्षण और आरक्षण में चलता है.”
योग गुरु साधनानंद महाराज ने कहा, कथावाचक या साधु महात्मा धार्मिक आचरण युक्त होते हैं, उस आचरण के अनुसार व्यवहार करते हैं. वह व्यवहार आदर्श समाज के उपयोगी होता है और राष्ट्र के लिए भी उपयोगी होता है.
‘कथावाचकों को निजी जीवन के बारे में कहने से बचना चाहिये’
वहीं साध्वी अनन्या सरस्वती का कहना है कि, जो चीज शास्त्र में हैं हमे उसका उल्लेख है और हम उसका समर्थन करते हैं लेकिन कुछ कथावाचक को निजी जीवन के बारे में कुछ भी कहने से बचना चाहिए. साध्वी अनन्या सरस्वती ने कहा, इस तरह के बयान से वो अपनी पब्लिसिटी करते हैं.
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