कनाडा सरकार अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को डिपोर्ट कर सकती है। ऐसे लोगों को कनाडा से निकालने की योजना है, जिनके वीजा की अवधि समाप्त हो गई है या जिनकी शरण याचिका खारिज हो गई है। इससे पंजाबियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि कनाडा में बड़ी संख्या में पंजाबी रह रहे हैं। इस समय कनाडा में भारतीय मूल के 18 लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं। 2021 की जनगणना के अनुसार, 1.86 मिलियन इंडो-कैनेडियन कनाडा में हैं। इससे पहले अमेरिका ने डंकी रूट से जाने वाले और अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को डिपोर्ट किया था। जानकारी के अनुसार, कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी ने देश भर में रह रहे ऐसे लोगों के खिलाफ डिपोर्टेशन की कार्यवाही शुरू कर दी है। एजेंसी कनाडा में अवैध रूप से रह रहे लोगों का डेटा एकत्र कर रही है। करीब 30 हजार लोगों को डिपोर्ट वारंट जारी कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी करीब 30,000 से ज्यादा लोगों को डिपोर्ट वारंट जारी कर चुकी है। इनमें बड़ी संख्या में वे लोग शामिल हैं जो गैरकानूनी तरीके से कनाडा में रह रहे हैं या फिर वे किसी क्रिमिनल एक्टिविटी में शामिल हैं। यह कार्रवाई तीन तरह के लोगों पर सबसे पहले होगी। पहले वे जिनकी शरण अर्जी खारिज हो चुकी है। दूसरे वे जो अवैध तरीके से कनाडा में रह रहे हैं और तीसरे वो जो किसी क्राइम में शामिल हैं। डिपोर्ट नोटिस वालों में स्टूडेंट्स भी शामिल कनाडा की एजेंसी ने कुछ स्टूडेंट्स को भी डिपोर्ट नोटिस जारी किए हैं। बताया रहा है कि इनमें वे स्टूडेंट्स शामिल हैं जो पढ़ाई के बहाने आए हैं, लेकिन बीच में पढ़ाई छोड़कर चोरी-छिपे काम कर रहे हैं। इनमें वो लोग भी शामिल हैं जो टूरिस्ट वीजा लेकर आए थे, लेकिन खत्म होने के वाद वापस नहीं लौटे। दोबारा वीजा लेने पर देने होंगे 3,800 कनाडाई डॉलर कनाडा सरकार का कहना है कि अगर कोई डिपोर्ट किया गया व्यक्ति दोबारा कनाडा का वीजा लेना चाहेगा तो उसे 3,800 कनाडाई डॉलर देने होंगे। अगर उसे स्पेशल एस्कॉर्ट के साथ (सुरक्षा में) वापस भेजा गया था, तो उसे 12,800 कनाडाई डॉलर चुकाने होंगे।
कनाडा में अवैध रह रहे भारतीय डिपोर्ट होंगे:30 हजार लोगों को वारंट जारी, इनमें पंजाबी ज्यादा, क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले स्टूडेंट्स भी निकाले जाएंगे
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