भास्कर न्यूज| लुधियाना पंजाब में युद्ध नशे विरुद्ध मुहिम अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। राज्य की डिफेंस कमेटियां गांवों व शहरों से नशा तस्करी का नामोनिशान मिटा देंगी। यह बात मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने लुधियाना के एक रिजॉर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। इस दौरान सीएम लुधियाना में गठित की गई डिफेंस कमेटियों के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने 4 फरवरी से राज्य में युद्ध नशे विरुद्ध मुहिम की शुरू किया था। इस अभियान के तहत नशों की बीमारी को जड़ से उखाड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। इससे नशों की सप्लाई लाइन लगभग टूट चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब गांवों और शहरों को भविष्य में नशों की लानत से मुक्त रखने के लिए डिफेंस कमेटियों का गठन किया गया है। कमेटियां नशे के विरुद्ध जंग के जरनैल बनकर गांवों और शहरों की रक्षा करेंगे। डिफेंस कमेटियां और वार्ड डिफेंस कमेटियों का गठन चार सदस्यीय कमेटी करेगी, जिनमें गांव का सरपंच या वार्ड का काउंसलर, युद्ध नशे के विरुद्ध का सदस्य, बीडीपीओ या बीडीपीओ का प्रतिनिधि और एसएचओ या एसएचओ का प्रतिनिधि शामिल होगा। नाभा जेल में बंद पूर्व अकाली मंत्री के पक्ष में आए नेताओं पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि यह कितने हैरानी की बात है कि जो नेता नशा तस्करी के आरोपों का सामना कर रहा हो, उसके पक्ष में कांग्रेसी नेता चरनजीत सिंह चन्नी, प्रताप सिंह बाजवा, सुखपाल सिंह खैहरा, भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह और रवनीत सिंह बिट्टू खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं। इससे उनकी मिलीभगत सामने आई है जो सत्ता में होते हुए एक-दूसरे के काले कारनामों पर पर्दा डालती रही हैं। उन्होंने ये पार्टियों स्पष्ट करें कि वे नशा तस्करों के पक्ष में हैं या विरोध में हैं। जेल में बंद पूर्व अकाली मंत्री के विरुद्ध अहम सबूत मिले हैं जो अदालत में पेश किए जाएंगे। मानसून सीजन खत्म होने के बाद पूरे राज्य में 20 हजार किलोमीटर लिंक सड़कों की मरम्मत का काम व्यापक स्तर पर शुरू होगा। सरकार ने साढ़े तीन सालों के कार्यकाल के दौरान बड़े लोकहितकारी फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार टेलों पर नहर का पानी पहुंचा है, जिससे सिंचाई के लिए पानी की समस्या खत्म हो गई है। बिना किसी सिफारिश और रिश्वत के 55 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां दी गई हैं। जगहों पर टोल प्लाज़ा बंद करने से पंजाब निवासियों के रोजाना 64 लाख रुपए बच रहे हैं, जो बहुत बड़ी आर्थिक राहत है। मुख्यमंत्री ने डिफेंस कमेटियों के सदस्यों को पहचान पत्र जारी किए। समारोह के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां, मुख्य सचिव केएपी सिन्हा और डीजीपी गौरव यादव व अन्य मौजूद थे। एक रिजॉर्ट में आयोजित कार्यक्रम युद्ध नशे विरुद्ध कायर्कम में मौजूद लोग। कमेटियों में आबादी के हिसाब से 10 से 20 सदस्य होंगे। इन डिफेंस कमेटियों में नशों की बीमारी के खिलाफ काम कर रहे साफ छवि वाले लोगों को शामिल किया जाएगा, जिनमें सेवानिवृत्त सैनिकों, अध्यापकों और नंबरदारों को प्राथमिकता दी जाएगी। कमेटी एसडीएम द्वारा नोटिफाई की जाएगी। कमेटियों के सदस्यों को सरकार द्वारा विशेष पहचान पत्र भी जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गांव या वार्ड में 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी ताकि कोई तस्कर नशा बेचने की हिम्मत न कर सके। कमेटियों के सदस्य नशा छुड़ाने के कार्यक्रमों में भी पीड़ितों की मदद करेंगे और नशा छोड़ने वालों के पुनर्वास के लिए प्रयास किए जाएंगे। 100 प्रतिशत नशामुक्त होने का लक्ष्य हासिल करने वाले गांव या वार्ड को सरकारी स्तर पर मान्यता दी जाएगी और सदस्यों को विशेष रूप से प्रशंसा पत्र भी जारी किए जाएंगे। नुक्कड़ नाटकों और घर-घर जाकर लोगों को नशों की बीमारी के विरुद्ध जागरूक करेंगी। इसके तहत 10 हजार से अधिक गांवों में बैठकें की गई हैं। बड़ी संख्या में पंचायतों द्वारा गांवों को नशामुक्त बनाने के लिए प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं। सीएम ने राजनीतिक दलों को पंजाब को नशों के दलदल में धकेलने का िजम्मेदार ठहराया। पिछली सरकारों ने नशा तस्करों पर नकेल कसी होती तो हमें आज ऐसे कार्यक्रम करवाने की जरूरत नहीं थी। कमेटी के सदस्यों को पहचान पत्र बांटते सीएम।
कमेटियों में 10 से 20 सदस्य होंगे, गांव या वार्ड में 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी
by Carbonmedia
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