करनाल के असंध में नगरपालिका पर स्टील कुर्सियों की खरीद में भारी घोटाले के आरोप लगे हैं। नगरपालिका ने शहर में 214 स्टील कुर्सियां लगवाई थीं, लेकिन विरोध होने पर इन्हें रातों-रात उखाड़कर निजी प्लॉटों में डलवा दिया गया। टेंडर के मुताबिक एक कुर्सी का वजन 50 किलो होना था, लेकिन मौके पर वजन 30 से 35 किलो ही पाया गया। साथ ही प्रति किलो 396 रुपए की दर दिखाई गई, जबकि बाजार भाव केवल 225 रुपए प्रति किलो है। इस मामले में चेयरपर्सन और विधायक दोनों ने जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है। 50 किलो की जगह मिली 30 से 35 किलो की कुर्सी
शिकायतकर्ता रजत लाठर, सोनिया बोहत व अन्य ने बताया कि नगरपालिका ने शहर में 214 स्टील कुर्सियों के लिए टेंडर जारी किया था, जिसमें प्रति कुर्सी 50 किलो वजन और 396 रुपए प्रति किलो की दर तय की गई थी। इस हिसाब से एक कुर्सी की कीमत करीब 19,800 रुपए बनती है। लेकिन जब मौके पर जांच की गई तो इन कुर्सियों का वजन सिर्फ 30 से 35 किलो निकला, यानी हर कुर्सी में करीब 15 से 20 किलो तक स्टील कम इस्तेमाल किया गया। बाजार रेट से भी महंगी स्टील बताई गई, ग्रेड 304 का दावा भी फेल
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि टेंडर में ग्रेड 304 स्टील का उल्लेख किया गया है, लेकिन मौके पर जो कुर्सियां मिलीं, उनमें न ग्रेड का स्पष्ट प्रमाण था और न ही गुणवत्ता। साथ ही जिस स्टील को 396 रुपए प्रति किलो दिखाया गया, उसका बाजार मूल्य मात्र 225 रुपए प्रति किलो पाया गया। इससे यह अंदेशा और मजबूत हुआ कि नगरपालिका ने स्टील की दरें बढ़ा-चढ़ाकर घोटाला किया है। 42 लाख से ज्यादा का टेंडर, छह महीने देरी से लगाईं कुर्सियां
कुल टेंडर राशि 42 लाख 37 हजार 200 रुपए दर्शाई गई थी। यह टेंडर लक्ष्य को-ऑपरेटिव सोसायटी को दिया गया था। शर्तों के अनुसार, यह कार्य एक साल में पूरा होना था, लेकिन कुर्सियों को छह महीने की देरी से लगाया गया। देरी और खराब गुणवत्ता दोनों ही टेंडर शर्तों के उल्लंघन हैं। नगरपालिका ने खुद कुर्सियां लगवाई, विरोध हुआ तो उखाड़ी भी
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि नगरपालिका ने 214 कुर्सियां शहर में लगवा भी दीं, लेकिन जब कांग्रेस ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया, तो इन्हीं कुर्सियों को रातों-रात उखाड़ लिया गया। बाद में ये कुर्सियां निजी प्लॉटों में पाई गईं। सवाल यह उठता है कि क्या नगरपालिका के पास अपनी सरकारी जमीन नहीं है? या फिर इन कुर्सियों को छिपाने की कोशिश की गई? कांग्रेस ने 2 जून को किया था प्रदर्शन, सौंपा था ज्ञापन
कांग्रेस नेताओं ने पूरे मामले को लेकर 2 जून को असंध एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था और नगरपालिका पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया, लेकिन कुर्सियां हटाने की कार्रवाई ने मामला और भी संदिग्ध बना दिया। चेयरपर्सन बोलीं-जैसे ही मामला संज्ञान में आया, जांच के आदेश दिए
नगरपालिका चेयरपर्सन सुनीता अरडाना ने कहा कि यह टेंडर 24 जनवरी 2022 का है और यह मेरे समय से पहले का है। मामला अब उनके संज्ञान में आया है। जैसे ही जानकारी मिली, उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी कर जांच के आदेश दिए हैं। चेयरपर्सन ने कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी किया जाएगा। जनता से अपील है कि कोई भी गड़बड़ी दिखे तो तुरंत सूचित करें। विधायक बोले- चाहे ठेकेदार हो या अधिकारी, कोई नहीं बख्शा जाएगा
असंध विधायक योगेंद्र राणा ने कहा कि कुर्सियों की गड़बड़ी का मामला गंभीर है। वजन से लेकर संख्या तक सबकी जांच करवाई जाएगी। चाहे कोई पार्षद हो, ठेकेदार हो या अधिकारी, अगर जांच में दोषी पाया गया तो उसे नहीं बख्शा जाएगा। सख्त कार्रवाई की जाएगी।
करनाल की असंध नगरपालिका में कुर्सी घोटाला:स्टील के बैंच लगाने के बाद उखाड़े, रातों-रात उखाड़ी गईं 214 कुर्सियां, जांच में मिलीं सिर्फ 30-35 किलो वजनी
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