करनाल की फैक्ट्री में CM की फ्लाइंग की रेड:क्लोरिन गैस के 27 सिलेंडर बरामद, ईटीपी प्लांट बंद मिला, मजदूरों के दस्तावेज खंगाले

by Carbonmedia
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करनाल के कैमला गांव में पूर्व सरपंच सुनील कुमार की डाई हाउस फैक्ट्री पर सीएम फ्लाइंग ने छापा मारा। फैक्ट्री से क्लोरिन गैस के करीब 27-28 सिलेंडर बरामद किए गए हैं। सीएम फ्लाइंग के मुताबिक, इनका उपयोग बिना केंद्र सरकार की अनुमति के किया जा रहा था। फैक्ट्री के ईटीपी प्लांट की हालत खराब पाई गई और रिहायशी क्षेत्र के बिल्कुल समीप यह फैक्ट्री स्थापित की गई है।
जांच में खुलासा हुआ कि अनट्रीटेड केमिकल युक्त पानी जमीन के अंदर जाकर भूजल को प्रदूषित कर रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने मौके से पानी के सैंपल लिए हैं, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। अधिकारियों का कहना है कि फैक्ट्री को नियमों के अनुसार सील किया जा सकता है और पूर्व सरपंच पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। फैक्ट्री में बिना परमिशन के इस्तेमाल हो रही खतरनाक क्लोरिन गैस
बुधवार की सुबह कैमला गांव के पुंडरी रोड स्थित डाई हाउस फैक्ट्री पर रेड की गई। इस फैक्ट्री में डाई ब्लीचिंग के लिए क्लोरिन गैस का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। यहां करीब 27-28 क्लोरिन गैस के सिलेंडर पाए गए, लेकिन फैक्ट्री मालिक के पास इनका लाइसेंस नहीं मिला। फैक्ट्री रिहायशी क्षेत्र के नजदीक, ईटीपी प्लांट ठप
फैक्ट्री की सबसे बड़ी खामी यह पाई गई कि यह रिहायशी क्षेत्र, खासकर बीपीएल कॉलोनी के नजदीक स्थित है, जबकि नियमों के अनुसार इस प्रकार की फैक्ट्री डेढ़ से दो किलोमीटर दूर होनी चाहिए।
फैक्ट्री में इस्तेमाल हो रहे केमिकल युक्त पानी के ट्रीटमेंट के लिए जो ईटीपी प्लांट लगाया गया था, वह वर्षों से बंद पड़ा है और उस पर जंग लगी हुई है। लाखों लीटर पानी का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन यह पानी कहां से आ रहा है, इसकी जांच भी की जा रही है। खुले पड़े केमिकल टैंक, पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम ने मौके पर मौजूद खुले टैंकों से पानी के सैंपल लिए हैं। टैंक न तो ढंके हुए थे और न ही इनमें सॉलिड वेस्ट को अलग किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि टैंक में कैमिकल और सॉलिड वेस्ट दोनों एक साथ पाए गए, जो सीधे भूजल को प्रभावित कर सकते हैं। सैंपलों की रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। फैक्ट्री मालिक ने खुद को बताया निर्दोष
पूर्व सरपंच व फैक्ट्री मालिक सुनील कुमार ने कहा कि सीएम फ्लाइंग की रेड जरूर पड़ी है लेकिन उनके पास फैक्ट्री के सभी जरूरी लाइसेंस मौजूद हैं। क्लोरिन गैस के उपयोग की केंद्र से मंजूरी भी प्राप्त है। उनका कहना है कि ईटीपी प्लांट बरसात के चलते दो महीने बंद रहता है और फैक्ट्री में टैंकरों के जरिए पानी मंगवाया जाता है। प्रदूषण विभाग ने बताया रेड कैटेगरी की फैक्ट्री, नहीं मिले रिकार्ड
प्रदूषण विभाग के अधिकारी विभम नायक ने कहा कि यह फैक्ट्री रेड कैटेगरी में आती है, यानी इसे प्रदूषण नियंत्रण के सख्त नियमों के तहत चलाना होता है। लेकिन यहां पर न ईटीपी चालू है, न ही लॉक बुक मेंटेन की जा रही है।
टैंकों में पानी का लगातार फ्लो पाया गया है, जबकि फैक्ट्री मालिक ने दावा किया था कि प्लांट बंद है। यह भी पाया गया कि पानी को दोबारा उपयोग में लाया जा रहा है, जिससे केमिकल युक्त पानी सीधे जमीन में जा रहा है और भूजल की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा रहा है। लेबर के दस्तावेजों की भी जांच, बांग्लादेशी होने का शक
डीएसपी सुशील कुमार ने बताया कि फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों का भी कोई पुख्ता रिकॉर्ड नहीं मिला है। लेबर के आधार कार्ड एकत्र किए गए हैं, ताकि यह जांचा जा सके कि कहीं इनमें कोई बांग्लादेशी नागरिक तो नहीं है। फैक्ट्री सील और एफआईआर की प्रक्रिया होगी शुरू
फैक्ट्री द्वारा प्रदूषण नियंत्रण और औद्योगिक नियमों का उल्लंघन किए जाने के चलते अब इस पर सख्त कार्रवाई की तैयारी है। अधिकारियों के अनुसार, सभी रिपोर्ट आने के बाद फैक्ट्री को सील किया जाएगा और मालिक सुनील कुमार पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

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