करनाल के निसिंग थाना क्षेत्र के गुल्लरपुर गांव एक युवक की अमेरिका में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। परिवार ने युवक को 7 साल पहले अपनी जमीन बेचकर अमेरिका गया था। परिजनों ने बताया कि वहां जाकर उसने मेहनत करके घर की आर्थिक स्थिति संभाली थी। अब जब जिंदगी दोबारा पटरी पर आ रही थी, तो अचानक यह हादसा हो गया।
परिवार ने सरकार से बेटे का शव भारत लाने में मदद की अपील की है। अगर शव भारत लाना संभव न हो तो बेटे और बहू को अमेरिका भेजने में मदद की जाए, ताकि अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार हो सकें। 10 बजे रात तबीयत बिगड़ी, बेड के नीचे पड़ा मिला
मृतक की पहचान 36 वर्षीय मेहर सिंह के रूप में हुई है। परिजनों के मुताबिक मेहर सिंह 2018 में अमेरिका गया था। वहां वह नौकरी कर रहा था और जीवन नॉर्मल चल रहा था। 7 जून की रात करीब 10 बजे अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। वह अपने कमरे में बेड के नीचे पड़ा मिला। साथियों ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है। साढ़े सात साल से था अमेरिका में, सात महीने पहले बना था पक्का
मेहर सिंह को अमेरिका में रहते हुए साढ़े सात साल हो चुके थे। वह 7 महीने पहले ही अमेरिका में स्थायी नागरिक बन गया था। वहां का स्थायी कार्ड मिलने के बाद उसने अपने परिवार को भी वहां बुलाने की तैयारी शुरू कर दी थी। उसकी पत्नी और 16 साल का बेटा अभी गांव में ही रहते हैं। सपना था कि अब पूरी फैमिली अमेरिका में एक साथ रहेगी, लेकिन अचानक हुई मौत ने परिवार के सारे सपनों को तोड़ दिया। बेच दी थी पुश्तैनी जमीन, अब दोबारा खरीदने की थी उम्मीद
परिजनों ने बताया कि मेहर सिंह को विदेश भेजने के लिए परिवार ने बड़ी कुर्बानी दी थी। पुश्तैनी जमीन बेचकर बेटे को अमेरिका भेजा था। उम्मीद थी कि वहां जाकर वह अच्छा कमाएगा और दोबारा वही जमीन खरीद लेंगे। धीरे-धीरे सब संभल रहा था। मेहर सिंह अमेरिका से अपने परिवार का पूरा खर्च चला रहा था। छोटा भाई अभी गांव में ही है। अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी पर आ गई है। परिजनों की सरकार से अपील – शव को गांव लाने में करें मदद
मेहर सिंह की मौत की खबर सुनकर पूरे गांव में शोक की लहर है। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता ने कहा कि उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी बेटे को विदेश भेजने में लगा दी थी, अब शव लाने के लिए भी पैसों की कमी है। इसलिए सरकार से अपील है कि मेहर सिंह का शव भारत लाने में मदद की जाए ताकि गांव में अंतिम संस्कार किया जा सके। अगर शव नहीं लाया जा सकता तो कम से कम उसकी पत्नी और बेटे को अमेरिका भेजने में सहयोग किया जाए ताकि वे आखिरी बार उसे देख सकें। गांव में पसरा सन्नाटा, रिश्तेदारों का लगा तांता
गुल्लरपुर गांव में मेहर सिंह के घर पर शोक का माहौल है। घर पर रिश्तेदारों का तांता लगा हुआ है। हर किसी की आंखें नम हैं। कोई यह विश्वास नहीं कर पा रहा कि जो लड़का सात साल पहले सपनों के देश गया था, वह अब तिरंगे में लिपटा वापस आएगा या फिर परिजन उसका अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाएंगे। सरकारी सहायता की आस में परिजन
मेहर सिंह के पिता और छोटे भाई ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि अगर सरकार मदद करे तो शव को गांव लाया जा सकता है, वरना हम खुद वहां जाकर अंतिम क्रिया भी नहीं कर पाएंगे। उनके मुताबिक, अब सरकार ही सहारा है, क्योंकि जो बेटा कमाकर सब संभाल रहा था, वह अब इस दुनिया में नहीं रहा।
करनाल के युवक की अमेरिका में मौत:7 साल पहले गया था पुश्तैनी जमीन बेचकर, सात महीने पहले हुआ था ग्रीन कॉर्ड
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