करनाल नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल:दो माह से रुकी सैलरी, बायोमेट्रिक हाजिरी का विरोध, स्वच्छता कार्य ठप

by Carbonmedia
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करनाल जिला नगर निगम को स्वच्छता में राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने की घोषणा के बाद ही निगम के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि नगर निगम प्रशासन ने दो महीने की सैलरी सिर्फ इसलिए रोक दी है, क्योंकि वे बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम का विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रशासन दबाव बनाने के लिए सैलरी रोककर मानसिक उत्पीड़न कर रहा है। निगम अधिकारियों को दी चेतावनी नगर निगम कार्यालय के बाहर कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए नगर निगम अधिकारियों को चेतावनी दी कि जब तक बकाया सैलरी रिलीज नहीं होती, तब तक सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप्प कर दी जाएगी। धरने पर बैठे कर्मचारियों ने कामकाज बंद कर दिया है, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। इनाम की जगह सैलरी काट दी नगरपालिका कर्मचारी संघ के पदाधिकारी वीरभान और अन्य नेताओं ने कहा कि करनाल नगर निगम पूरे हरियाणा में पहले और देशभर में तीसरे स्थान पर रहा है। हमें उम्मीद थी कि मेहनत के बदले इनाम मिलेगा, लेकिन उल्टा सैलरी ही रोक दी गई। कर्मचारियों का कहना है कि उनके परिवार का खर्च इसी वेतन से चलता है, और उसी से वे कर्ज-उधारी चुकाते हैं। बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम पर विरोध वीरभान ने बताया कि बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम का विरोध सिर्फ करनाल में नहीं, बल्कि पूरे हरियाणा में हो रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी ड्यूटी सुबह 5 बजे शुरू होती है और सिस्टम में हाजिरी लगाने की प्रक्रिया से उन्हें मानसिक और शारीरिक परेशानी हो रही है। हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि अगर नगर निगम ने जल्द सैलरी रिलीज नहीं की और बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम को खत्म नहीं किया, तो उनकी हड़ताल अनिश्चितकालीन चलेगी। स्वच्छता में रैंकिंग, कर्मचारियों के हालात बदतर करनाल नगर निगम ने स्वच्छता में देशभर में तीसरा और प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया, लेकिन इस सफलता के पीछे मेहनत करने वाले सफाई कर्मचारियों की स्थिति दयनीय है। कर्मचारियों ने तंज कसते हुए कहा कि जब देशभर में करनाल का नाम रोशन हो रहा है, तब हमें ही अपने अधिकारों के लिए सड़क पर बैठना पड़ रहा है। प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल धरना स्थल पर मौजूद कर्मचारियों ने नगर निगम के अधिकारियों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। कर्मचारियों ने कहा कि अधिकारी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे, सिर्फ समय टाल रहे हैं। वहीं नगर निगम की ओर से कोई भी अधिकारी मौके पर समझौते के लिए नहीं पहुंचा। सफाई कर्मचारियों ने कहा कि अगर सम्मान और पुरस्कार की बुनियाद कर्मचारियों के हक छीनने पर रखी जाए, तो वह सम्मान नहीं दिखावा है। जब तक कर्मचारियों के हितों की रक्षा नहीं होगी, तब तक ऐसा कोई भी अवॉर्ड बेमानी है।

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