करनाल में कृषि मंत्री का कांग्रेस पर तंज:श्याम सिंह राणा बोले- एक पारिवारिक पार्टी, पाक आर्मी और आतंकियों में कोई अंतर नहीं, यूरिया वितरण होगा ऑनलाइन

by Carbonmedia
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करनाल में एक सेब फार्म के दौरे पर पहुंचे प्रदेश के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने राहुल गांधी के सीजफायर वाले बयान पर जवाब देते हुए कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवादियों से थी, न कि पाकिस्तान से। हमने पाकिस्तान के अंदर आतंकियों पर ही अटैक किया, लेकिन पाकिस्तान की मिलिट्री ने आतंकियों का साथ दिया, तो फिर पाकिस्तान भी इन्वोल्व हो गया। फिर एयरबेस पर अटैक करने पड़े, क्योंकि वहां की आर्मी और आतंकवादियों में कोई अंतर नहीं है। पाकिस्तान में देश नीति पाकिस्तान की आर्मी के लोग बनाते है। जब तक आर्मी राजनीति में इन्वॉल्व रहेगी, तब तक पाकिस्तान के हालात नहीं सुधरने वाले। कांग्रेस एक पारिवारिक पार्टी है राहुल गांधी के हरियाणा आगमन के सवाल पर कृषि मंत्री ने कांग्रेस पर तंग कसा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी संगठन की तरफ कोई ध्यान नहीं देती, क्योंकि हरियाणा कांग्रेस एक पारिवारिक पार्टी है और बैगर संगठन के किसी भी पार्टी की जीत नहीं हो सकती। बिना संगठन के कोई चुनाव नहीं जीत सकता। उनकी हार का कारण यही है। कृषि मंत्री बोले- अब जरूरतमंद किसान को ही मिलेगा यूरिया यूरिया वितरण को लेकर पूछे गए सवाल पर कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य में यूरिया की कोई कमी नहीं है, लेकिन अब वितरण प्रणाली को डिजिटल किया जा रहा है, ताकि केवल वही किसान इसे प्राप्त कर सकें जिन्हें वास्तव में आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जैसे परिवार पहचान पत्र से राशन प्रणाली को ऑनलाइन किया गया, उसी तर्ज पर अब ‘मेरी फसल- मेरा ब्यौरा’ पोर्टल के जरिए किसान की जमीन के अनुसार यूरिया का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। इससे कालाबाजारी पर रोक लगेगी और जरूरतमंद किसान को ही खाद मिलेगा। केमिकल से पकाए फलों को बताया जहरीला कृषि मंत्री ने बाजार में मिल रहे मसाले (केमिकल) से पकाए फलों पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे पेस्टीसाइड जहर के समान होते हैं। उन्होंने किसानों को चेताया कि अगर इनका उपयोग फलों या फसलों पर किया गया तो वह जहर फल में जाएगा और अंततः आदमी की सेहत को नुकसान पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि आज जो गंभीर बीमारियां फैल रही हैं, वे जहरीले अनाज और अत्यधिक पेस्टीसाइड व यूरिया के इस्तेमाल का नतीजा हैं। प्राकृतिक खेती में ऐसा कोई खतरा नहीं होता और यह भूमि की सेहत को भी सुरक्षित रखती है। हरियाणा में हो रहा खेती में बदलाव कृषि मंत्री ने आगे बताया कि राज्य में पारंपरिक खेती में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि बागवानी, मछली पालन और सूखे क्षेत्रों के लिए अनुकूल फसलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जहां पानी खारा है, वहां मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा अवसर है कि हम जमीन की विषम परिस्थितियों को वरदान में बदलें। कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा में अलग-अलग प्रकार की जमीनों पर कौन-सी फसलें अच्छी होंगी, इसके लिए राज्य के उत्कृष्टता केंद्रों में लगातार प्रयोग किए जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में किसानों को उनकी भूमि के अनुसार बेहतर विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। सेब की गर्मियों वाली वैरायटी से मिलेगी किसानों को नई राह इस दौरान सेबों का स्वाद चखते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि यहां जिस वैराइटी का सेब लगाया गया है वह गर्मियों में तैयार होती है, जबकि आमतौर पर हिमाचल में सेब सर्दियों में होते हैं। उन्होंने कहा कि यह फार्म एक सीख है कि पढ़ाई के साथ-साथ अनुभव से भी ज्ञान मिलता है। इस फार्म से दूसरे किसान भी प्रेरणा लेकर नई दिशा में खेती कर सकते हैं।

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