करनाल में नहर में डूबे दो सगे भाइयों का मामला:छोटे भाई का शव 12 किमी दूर मिला, बड़े भाई की लाश रोहतक से बरामद

by Carbonmedia
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करनाल में नहर में डूबे दो सगे भाइयों में से अब छोटे भाई मुकुल का शव भी बरामद हो गया है। मंगलवार रात परिजनों को उसका शव मुनक हेड से करीब 12 किलोमीटर दूर अंटा गांव के पास नहर में फंसा मिला। शव की पहचान कपड़ों से की गई, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को मोर्चरी में भिजवाया और बुधवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। घटना मुनक हेड की हांसी ब्रांच नहर की है। गांव मंगलपुर में ही उसका अंतिम संस्कार होगा। इससे पहले मंगलवार सुबह बड़े भाई विशाल का शव रोहतक के खरैंटी-बैंसी नहर पुल के पास मिला था, जिसे लाखनमाजरा थाना पुलिस ने बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए PGI रोहतक भेजा था। विशाल करनाल में एक बैंक में डिप्टी मैनेजर था जबकि छोटा भाई मुकुल एसी मैकेनिक का काम करता था। एक जून को हुआ था हादसा, बचाने के चक्कर में दोनों बहे
पूरा मामला 1 जून का है, जब 23 वर्षीय मुकुल नहर में फिसलकर गिर पड़ा। उसे बचाने के लिए 26 वर्षीय बड़ा भाई विशाल भी नहर में कूद गया। लेकिन दोनों को तैरना नहीं आता था, ऐसे में वे नहर की तेज धार में बह गए। दोनों करनाल के गांव मंगलपुर के रहने वाले थे। उस दिन मुकुल एसी ठीक करने के सिलसिले में मुनक गांव गया था, और वहां से बाल पबाना में एक और काम करके वह हांसी ब्रांच नहर किनारे पहुंच गया। मुकुल ने नहर किनारे से अपने पिता रामनिवास को कॉल किया और कहा कि यह उसकी आखिरी आवाज है और अब वह किसी से बात नहीं करेगा। घबराए पिता ने तुरंत बड़े बेटे विशाल को कॉल किया, जो उस वक्त करनाल में था। विशाल अपने कुछ साथियों के साथ तुरंत नहर की ओर निकला। साथ ही पिता रामनिवास ने अपने भाई सोमपाल को भी सूचित कर दिया। नहर किनारे बैठा था मुकुल, पैर फिसलते ही गिर पड़ा पानी में
सोमपाल पहले से मुनक क्षेत्र में ही मौजूद था। सब लोग जब हांसी ब्रांच नहर पर पहुंचे तो उन्होंने मुकुल को नहर किनारे बैठे हुए देखा। परिजनों ने उसे समझाकर घर चलने की कोशिश की, लेकिन किसी बात से नाराज मुकुल ने प्रतिक्रिया नहीं दी। जब भाई विशाल व अन्य उसे पकड़ने आगे बढ़े तो मुकुल हड़बड़ा गया और पैर फिसलने से नहर में गिर गया। उसे नहर में गिरते देख विशाल ने भी तुरंत अपने कपड़े उतारे बिना नहर में छलांग लगा दी। नहर में गिरते ही दोनों बहने लगे। यह देख चाचा सोमपाल, भतीजा शुभम और दो अन्य ने भी बचाने के लिए नहर में छलांग लगा दी, लेकिन उन्हें भी तैरना नहीं आता था। किसी तरह वे बाहर निकल आए, लेकिन विशाल और मुकुल पानी में ही लापता हो गए। बचाने की कोशिश में विशाल ने पकड़ लिया था मुकुल का हाथ
बाद में जब रामनिवास ने अपने भाई सोमपाल से पूरी घटना के बारे में पूछा तो उसने बताया कि विशाल ने नहर में मुकुल को पकड़ लिया था और दोनों बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन किसी को तैरना नहीं आता था। पानी की तेज धार उन्हें बहा ले गई। 2 जून को SDRF की टीम और गोताखोर प्रगट सिंह ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे विशाल का शव रोहतक जिले के बैंसी नहर पुल के पास मिला था। इसके बाद मुकुल की तलाश लगातार चल रही थी। रात को परिजन खुद नहर किनारे ढूंढते रहे। अंटा गांव के पास नहर में एक शव फंसा मिला। कपड़े देख परिजनों को यकीन हो गया कि यह मुकुल ही है। पुलिस को सूचना दी गई। टीम ने गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकाला और पहचान की पुष्टि होने पर मोर्चरी भिजवाया। पिता बोले- भगवान ऐसा दिन किसी को न दिखाए
​​​​​​​मृतक विशाल और मुकुल, रामनिवास के तीन बेटों में से थे। तीसरा बेटा साहिल अभी जीवित है। मां का देहांत 10 साल पहले ही हो चुका था। अब परिवार में पिता रामनिवास, विशाल की पत्नी, आठ माह का बच्चा और छोटा भाई साहिल ही बचे हैं। पूरा परिवार इस हादसे से टूट चुका है। ग्रामीणों में भी गम का माहौल है। पिता रामनिवास ने कहा कि भगवान किसी पिता को ऐसा दिन न दिखाए, तीनों बेटों में बहुत प्यार था। मुनक थाना प्रभारी राजपाल ने बताया कि मुकुल का शव मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले में आगे की जांच प्रक्रिया जारी है।

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