करनाल में प्री मानसून की बारिश में दो सड़कें धंसी:डीसी ने रिपोर्ट की तलब, दो दिन में दो हादसे, ग्रामीण परेशान

by Carbonmedia
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करनाल जिले के इंद्री हलके में दो दिन के भीतर दो मुख्य सड़कें टूटने की घटनाओं के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। करनाल के उपायुक्त उत्तम सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए सब डिवीजन लेवल की कमेटी को निर्देश दिए हैं कि वह इन घटनाओं की पूरी गहनता से जांच करें और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपें। घटना के जिम्मेदार पर होगी कार्रवाई चाहे मामला इंजीनियरिंग फॉल्ट का हो या मटीरियल की गुणवत्ता में गड़बड़ी का, जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने कहा है कि टूटी हुई दोनों सड़कों की जल्द मरम्मत करवाई जाएगी, लेकिन यह भी जरूरी है कि यह सड़कें टूटी क्यों, इसकी जांच भी पूरी पारदर्शिता से हो। दोनों घटनाओं से गांवों का संपर्क टूटा गौरतलब है कि प्री मानसून की बारिश ने इंद्री हलके की समौरा-चुरनी रोड और इस्लामनगर-कलसौरा रोड पर पुलिया को तोड़ दिया था। दोनों घटनाओं से गांवों का संपर्क टूट गया है और लोग लंबे रूट से यात्रा करने को मजबूर हो गए हैं। ओवर लेयर के बाद भी धंसा समौरा-चुरनी रोड हाल ही में करीब 2400 मीटर लंबी समौरा-चुरनी सड़क पर हाल ही में लगभग 32 लाख रुपए की लागत से ओवर लेयर का काम हुआ था। इस सड़क को देखकर ग्रामीणों में खुशी थी कि अब बेहतर सुविधा मिलेगी, लेकिन बारिश ने इस दावे को कुछ ही दिनों में फेल कर दिया। पानी की कोई निकासी नहीं मिली सोमवार रात और मंगलवार सुबह की बारिश में भट्ठे के पास सड़क के नीचे मिट्टी बह गई, क्योंकि खेत सड़क से नीचे हैं और पानी को कोई निकासी नहीं मिली। ऐसे में सड़क के नीचे से मिट्टी कटने लगी और देखते ही देखते सड़क का एक हिस्सा कई फुट नीचे धंस गया था। वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई है और लोगों को अब दूसरे रास्तों से जाना पड़ रहा है। पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत का काम शुरू कर दिया था। कलसौरा रोड पर पुलिया बहने से ट्रैफिक बंद बुधवार को हुई दूसरी बड़ी घटना में गांव इस्लामनगर से कलसौरा की ओर जाने वाली सड़क पर बनी पुलिया भारी बारिश के दबाव को नहीं झेल पाई और बह गई। इससे सड़क के बीच में ही गहरी दरार आ गई और सड़क पूरी तरह से बैठ गई। एक दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। रोजाना रेत से भरे ट्रक गुजरते है ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क से रोजाना रेत से भरे सैकड़ों ट्रक और अन्य भारी वाहन गुजरते हैं। पुलिया पहले से कमजोर थी और अधिक दबाव झेलने की स्थिति में नहीं थी। सौभाग्य से जब पुलिया टूटी, उस समय कोई वाहन वहां से नहीं गुजर रहा था, जिससे बड़ा हादसा टल गया। मजबूत पुलिया निर्माण की मांग स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को अब ऐसे क्षेत्रों में मजबूत निकासी और टिकाऊ पुलिया निर्माण पर फोकस करना चाहिए। बारिश के मौसम में हर साल इसी तरह की घटनाएं होती हैं, जिससे न केवल आमजन को परेशानी होती है बल्कि कभी-कभी जान का खतरा भी बन जाता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि अधिकारी मौके पर आकर निरीक्षण करें और केवल कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर सुधार करें।

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